लॉरेंस गिरोह को बिश्नोई गिरोह कहने पर बिश्नोई समाज को आपत्ति

फतेहाबाद। बिश्नोई समाज ने लॉरेंस बिश्नोई के गिरोह को ‘बिश्नोई गिरोह’ कहे जाने पर आपत्ति की है।

फतेहाबाद में शनिवार को बिश्नोई समाज के लोगों की एक बैठक हुई, जिसमें समाज के अलग-अलग प्रकोष्ठों के पदाधिकारियों ने भाग लेकर विरोध जताया। बैठक में कुछ लोगों ने कहा कि यदि उन्हें इसको लेकर अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा, तो वे वहां भी जाएंगे, लेकिन इस गिरोह को बिश्नोई समाज के नाम से जोड़ा जाना सहन नहीं करेंगे।
समाज के नेताओं ने स्पष्ट करना चाहा कि लॉरेंस यदि गलत कर रहा है, तो वह भी गलत है, समाज उसके गलत कार्यों में साथ नहीं है, लेकिन यदि वह हिरण मामले में समाज की मांग उठा रहा है, तो वह सही है।

समाज के जीव रक्षा दल के अध्यक्ष हंसराज गोदारा ने कहा कि एक आदमी का गिरोह हो सकता है, पूरा समाज गिरोह नहीं हो सकता। अभिनेता सलमान खान ने हिरण मारा, आरोप भी अदालत में तय हो गया और यह मामला अदालत का है, इसलिए ज्यादा कुछ नहीं कहेंगे।

उन्होंने कहा कि लॉरेंस पर आरोप अभी तय नहीं हुए, लेकिन उसको लेकर पूरे समाज को गिरोह से जोड़ दिया जाता है। यह सही नहीं है, इससे समाज के लोगों को दुख हुआ है। जीव रक्षा दल के महासचिव विनोद काकड़ और राजस्थान के जोधपुर से आए लोगों ने कहा कि बिश्नोई समाज पूरे विश्व में जीव प्रेमी और पर्यावरण प्रेमी समाज के रूप में जाना जाता है। इसकी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तक तारीफ कर चुके हैं। सैकड़ों सालों से बिश्नोई समाज पेड़ों और जीवों को बचाने का संदेश देता आया है, इसलिए किसी ने हिरण मारा तो उसके खिलाफ समाज ने आवाज उठाई।

बैठक में बिश्नोई सभा प्रधान भूप सिंह मांझू, सचिव महावीर मांझू, सेवक दल सुरजीत ढुकिया, जीव रक्षा दल से नरसी काकड़ सहित अनेक लोग मौजूद रहे।

उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र में पूर्व मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार गुट) के नेता बाबा सिद्दीकी की मुंबई में पिछले दिनों हत्या में लॉरेंस बिश्नोई गिरोह का हाथ होने की बात सामने आई है। कनाडा के साथ भारत के कूटनीतिक विवाद में भी लॉरेंस बिश्नोई के गिरोह का नाम आया है। इसके बाद राजनीतिक हल्कों से लेकर मीडिया में ‘डी’ गिरोह (दाऊद इब्राहिम गिरोह) की तर्ज पर लॉरेंस बिश्नोई गिरोह को ‘बी’ गिरोह और बिश्नोई गिरोह कहा जा रहा है।