अजमेर। महन्त बाबा मनोहरदास जी भक्तों में परमात्मा को पाने का सरल रास्ता मानवता की सेवा व सनातन धर्म की पालना की ओर प्रेरित करते थे। उन्होंने सदैव जरूरतमन्द परिवारों व प्राणियों के सहयोग की ओर अग्रसर किया। ये आशीर्वचन भीलवाडा से पधारे महामण्डलेश्वर हंसराम उदासीन ने अजय नगर स्थित ईश्वर मनोहर उदासीन आश्रम में महन्त मनोहरदास के 90वें प्राकट्य महोत्सव के समापन अवसर पर प्रकट किए। उन्होंने कहा कि स्वामी मनोहरदास सरल स्वभाव के संत थे जिन्होंने सभी को जोडा।
समारोह में महन्त स्वरूपदास, भीलवाडा के महन्त गणेशदास, किशनगढ के महन्त श्यामदास, राजकोट के स्वामी अमरलाल, अजमेर के स्वामी ईसरदास, स्वामी अर्जुनराम, स्वामी आत्मदास, संत गौतम, प्रेम प्रकाश आश्रम के दादा नारायणदास, भाई भीषम ने कहा कि स्वाामी मनोहरदास ने सदैव सादगी के साथ सनातन धर्म की सेवा की एवं देशभर में श्रृद्धालुओं को सेवा कार्य के लिए प्ररित किया।
भजन मण्डलियों ने दी प्रस्तुतियां : खैरथल से आए दीप लखवाणी, अजमेर के अशोक सोनी, ढोलण शर्मा ने दो दिनों में अलग अलग कार्यक्रम प्रस्तुत किए।
छप्पन भोग व महाआरती : प्राकट्य महोत्सव में श्रृद्धालुओं द्वारा तैयार किए गए छप्पन भोग तैयार कर प्रसाद वितरित किया गया। संत महात्माओं ने महाआरती की। धर्म ध्वजा पूजन के साथ पल्लव प्रार्थना से समारोह का समापन हुआ। समारोह में अजमेर के अलावा जयपुर, जोधपुर, कोटा, रतलाम, वीसनगर, भोपाल, अहमदाबाद, भीलवाडा सहित अन्य शहरों से श्रृद्धालु उपस्थित थे।
समारोह में आश्रम के सेवाधारी रमेश कल्याणी, लखमीचन्द किशनाणी,शंकर सबनाणी, घनश्याम आडवाणी, कन्हैयालाल खानचंदाणी, नरेन शाहणी भगत, कंवल प्रकाश, महेन्द्र कुमार तीर्थाणी, प्रकाश जेठरा, नरेन्द्र बसराणी, लक्षमणदास दौलताणी, प्रकाश मूलचंदाणी, जयप्रकाश मंघाणी सहित कार्यकर्ता उपस्थित थे।