मथुरा। विश्व में सबसे छोटे कद की पुंगनूर गाय अब मथुरा में वात्सल्य ग्राम की कामधेनु गौशाला में आ गई है। इस प्रकार की गाय अब तक मथुरा की किसी गोशाला या निजी व्यक्ति के पास नही थी।
वात्सल्य ग्राम की अधिष्ठात्री साध्वी ऋतंभरा ने बताया कि पुंगनूर गाय विश्व की सबसे छोटी प्रजाति की गाय है। दक्षिण भारत के आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के पुंगनूर शहर में पाई जाने वाली इस गाय का नाम इसके शहर पुंगनूर पर पड़ा है। इस गाय की औसत लंबाई दो से ढाई फीट तक होती है। इसके दूध में अन्य गायों की अपेक्षा वसा की मात्रा अधिक होती है। अन्य गायों की अपेक्षा इसका दूध अधिक पौष्टिक होता है, इसका मूत्र एवं गोबर बेचकर लोग व्यापार भी करते हैं मगर धीरे-धीरे अब यह नस्ल विलुप्त होने के कगार पर है, वात्सल्य ग्राम में पहले से ही भारतीय नस्लों गायों की श्री कामधेनु गौशाला स्थापित है।
वात्सल्य ग्राम के जन संपर्क अधिकारी उमाशंकर राही ने बताया कि स्वर्ण कपिला गाय एवं पुंगनूर गाय की गौशाला का अलग से निर्माण किया गया है। जिसमें तीन स्वर्ण कपिला एवं पांच पुंगनूर नस्ल की गाय हैं। इन गायों को पालने का मुख्य उद्देश्य इनका संरक्षण और संवर्धन करना है। गायों के गोशाला में भेजने के पहले उनका विधिवत पूजन किया गया तथा आरती भी उतारी गई। गायों को बहुत करीने से सजाया भी गया है।
गोशाला का उद्घाटन करते हुए संजय भैया ने कहा कि वात्सल्य ग्राम में यह पहली गौशाला है जो मां ऋतंभरा की इच्छा पर निर्मित की गई है। पुगनूर गाय का दूध वात्सल्य ग्राम में रह रहे बच्चों के बल एवं बुद्धि बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगा।