अलवर। राजस्थान में हो रहे उपचुनाव में अलवर जिले की रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव में टिकट नहीं मिलने पर पार्टी से बगावत पर उतारु पूर्व प्रत्याशी जय आहूजा को मनाने में भारतीय जनता पार्टी कामयाब हो गई।
राजस्थान के गृह राज्यमंत्री जवाहर सिंह बैडम ने रामगढ़ में जय आहूजा के समर्थन में हो रही सभा में जैसे ही अपनी झोली फैलाई तो वहां का माहौल बदल गया और सरकार का दूत बन कर आए जवाहर सिंह ने भरी पंचायत में सभी को मना लिया और जय आहूजा ने यहां भाजपा प्रत्याशी का समर्थन करने का ऐलान कर दिया।
अलवर जिले के रामगढ़ विधानसभा में होने वाले उपचुनाव पर बगावती तेवर अपना रहे जय आहूजा ने भाजपा को अपनी मां बताते हुए अब चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया है। वह महापंचायत के दौरान कई बार भावुक भी हुए। वह अपने चाचा और भारतीय जनता पार्टी के रामगढ़ की पूर्व विधायक रहे ज्ञान देव आहूजा से मिले उन्होंने भी पार्टी से बगावत नहीं करने की बात कही।
महापंचायत को संबोधित करते हुए जय आहूजा ने कहा कि मेरे लिए ज्ञान देव आहूजा ही मेरे माता-पिता हैं और उनके आदेश की अवहेलना मैं नहीं कर सकता क्योंकि उन्होंने कहा कि जो राजनीतिक प्रसिद्ध पार्टी ने दी है उससे बगावत नहीं करनी चाहिए।
आज रामगढ़ में जय आहूजा के आवास पर हुई महापंचायत में राजस्थान सरकार के गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बैडम, सहकारिता मंत्री गौतम दक, विराटनगर के विधायक कुलदीप धनकड़ और जयपुर नगर निगम के उप महापौर पुनीत करणावत महापंचायत में पहुंचे और उन्होंने मनाने का प्रयास किया।
इस सभा में निर्णय जय आहूजा ने चुनाव नहीं लड़ने का निर्णय पंचायत पर छोड़ा जहां पंचायत ने रामगढ़ में सनातन और हिंदू को हिंदू धर्म को जिंदा रखने के लिए जय आहूजा ने पंचायत का फैसला माना और चुनाव नहीं लड़ने का फैसला लिया। इस पर सरकार के दोनों मंत्री और विधायकों ने धन्यवाद दिया कि और कहा कि रामगढ़ की जनता के लिए सदैव तत्पर पर रहेंगे। जय आहूजा रामगढ़ ही नहीं राजस्थान के नेता बनेंगे।
इससे पहले सुबह करीब 11 बजे जय आहूजा के निवास के सामने स्थित मैदान में पंचायत शुरू हुई जिसमें सभी वक्ताओं ने जय आहूजा का समर्थन किया। जिसमें सभी मंडलों के अध्यक्ष, शक्ति केंद्र प्रभारी और बूथ अध्यक्षों ने त्यागपत्र देने की घोषणा की।
जय आहूजा ने बताया कि पार्टी के बुलावे पर पंचाें की स्वीकृति लेकर वह जयपुर गए जहां उन्होंने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सहित कई नेताओं से बात की जिन्होंने आश्वासन दिया कि उन्हें रामगढ़ तक ही सीमित नहीं करना चाहते बल्कि पूरे राजस्थान में सेवा का मौका देंगे। इसके बाद वह यहां पर आ गए और उन्होंने अपने पंचों के सामने यह बात रखी पंचों ने भी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का समर्थन किया और कहा कि मुख्यमंत्री और मंत्री की बात मान लेनी चाहिए।