राजस्थान में सात विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनाव में करीब 70 प्रतिशत मतदान

जयपुर। राजस्थान में सात विधानसभा क्षेत्र झुंझुनूं, रामगढ़, दौसा, देवली-उनियारा, चौरासी, खींवसर एवं सलूंबर का उपचुनाव बुधवार को शांतिपूर्वक संपन्न हो गया, जहां लगभग 70 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया। इसके साथ ही चुनाव लड़े 69 उम्मीदवारों का चुनावी भाग्य इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में बंद हो गया जो 23 नवंबर को मतगणना के दिन खुलेगा।

राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन ने बताया कि सात विधानसभा क्षेत्रों में मतदान की समाप्ति के समय संभावित मतदान का प्रतिशत 69.29 दर्ज किया गया है। गुरुवार को मतदान दस्तावेजों की संवीक्षा के बाद ही मतदान प्रतिशत के अंतिम आंकड़े प्राप्त हो सकेंगे। महाजन ने बताया कि शाम छह बजे के बाद भी कुछ मतदान केन्द्रों पर मतदाताओं की कतारें लगी थी। इससे पहले मतदान सुबह सात बजे कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के साथ शांतिपूर्वक शुरु हुआ और मतदान केन्द्रों पर मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने पहुंचने लगे थे और दिनभर उत्साह से लबरेज मतदाताओं का तांता लगा रहा। इन सात विधानसभा क्षेत्रों के लिए मतगणना 23 नवम्बर को सुबह आठ बजे से शुरु होगी।

उन्होंने बताया कि खींवसर विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक 75.62 प्रतिशत और दौसा में सबसे कम 62.10 प्रतिशत मतदान हुआ। सभी रिटर्निंग अधिकारियों से अब तक प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर इन दो सीटों के अलावा रामगढ़ में 75.27, चौरासी में 74.10, सलूम्बर में 67.01, झुंझुनूं में 65.80, देवली-उनियारा में 65.10 एवं दौसा में 62.10 प्रतिशत मतदान हुआ।

इससे पहले मतदान के पहले दो घंटे में 10.51 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने वोट डाले और मतदान के चार घंटेे में यह मतदान 24.83 प्रतिशत पहुंचा और इसके दो घंटे बाद दोपहर एक बजे तक मतदान 39.35 प्रतिशत और अपराह्न तीन बजे तक 52.33 प्रतिशत जबकि सायं पांच बजे तक करीब 65 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया। मतदान छिटपुट घटनाओं को छोड़कर शांतिपू्र्ण रहा और इस दौरान कहीं से कोई अप्रिय खबर प्राप्त नहीं हुई हैं।

हालांकि देवली-उनियारा विधानसभा क्षेत्र में निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा के द्वारा मालपुरा एसडीएम के साथ मतदान केन्द्र पर मारपीट करने की घटना सामने आई हैं और टोंक पुलिस अधीक्षक विकास सांगवान ने बताया कि इस मामले में विधिक एवं उचित कार्रवाई की जाएगी।

उपचुनाव में सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी, विपक्षी दल कांग्रेस, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (रालोपा) तथा भारत आदिवासी पार्टी (बाप) सहित अन्य पार्टियों के प्रत्याशियों एवं निर्दलीयों सहित 69 उम्मीदवार चुनाव मैदान में अपना भाग्य आजमाया।

उपचुनाव में मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़, राज्य के कृषि मंत्री डा किरोड़ी लाल मीणा, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, रालोपा के संयोजक एवं सांसद हनुमान बेनीवाल एवं भारत आदिवासी पार्टी (बाप) के नेता एवं सांसद राजकुमार रोत एवं पूर्व मंत्री राजेन्द्र सिंह गुढ़ा की चुनाव प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। इस उपचुनाव में चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर सहित कई मंत्रियों की भी राजनीतिक प्रतिष्ठा दांव पर हैं जिन्होंने उपचुनाव क्षेत्र में पार्टी प्रत्याशी के समर्थन में जिम्मेदारी उठा रखी थी।

इन सात विधानसभा क्षेत्रों में पांच सीटों झुंझुनूं, देवली-उनियारा, खींवसर, सलूंबर और चौरासी सीट पर त्रिकोणीय जबकि रामगढ़ और दौसा सीट पर सीधी टक्कर संभावना नजर आई। उपचुनाव की सबसे चर्चित सीट खींवसर में नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल की पत्नी एवं रालोपा की उम्मीदवार कनिका बेनीवाल, भाजपा के रेवंतराम डांगा और कांग्रेस की रतन चौधरी के कारण यह त्रिकोणीय मुकाबला बना। हालांकि यहां मुख्य मुकाबला रालोपा और भाजपा के बीच कड़ी टक्कर के रुप में भी माना जा रहा है।

झुंझनूं सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार अमित ओला, भाजपा के राजेन्द्र भांबू और निर्दलीय प्रत्याशी एवं पूर्व मंत्री राजेन्द्र सिंह गुढ़ा के चुनाव मैदान में होने से त्रिकोणीय मुकाबले स्थिति बनती नजर आई। इसी तरह देवली-उनियारा में कांग्रेस के कस्तूरचंद मीणा, भाजपा के पूर्व मंत्री राजेन्द्र गुर्जर और निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा के बीच त्रिकोणीय मुकाबला नजर आया। चौरासी में सांसद राजकुमार रोत के राजनीतिक दबदबे वाले क्षेत्र चौरासी में बाप के अनिल कटारा और भाजपा के कारीलाल ननोमा तथा कांग्रेस के महेश रोत के बीच त्रिकोणीय स्थिति रहने की संभावना हैं। हालांकि यहां भी मुख्य मुकाबले की टक्कर बाप और भाजपा प्रत्याशी के बीच मानी जा रही है।

इनके अलावा सलूंबर में भाजपा की शांता देवी, कांग्रेस की रेशमा मीणा और बाप के जितेश कटारा के चुनाव लड़ने से त्रिकोणीय मुकाबले की स्थिति रहने की संभावना है। उपचुनाव में रामगढ़ में भाजपा के सुखवंतसिंह और कांग्रेस के आर्यन जुबैरखान के बीच तथा दौसा में कृषि मंत्री डा किरोड़ी लाल मीणा के भाई एवं भाजपा उम्मीदवार जगमोहन मीणा और कांग्रेस प्रत्याशी दीन दयाल बैरवा के बीच सीधी टक्कर रहने की उम्मीद जताई जा रही है। अब मतगणना के दिन ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।

इन सात सीटों पर झुंझुनूं, देवली-उनियारा, दौसा एवं रामगढ़ सीट पर कांग्रेस का कब्जा जबकि सलूंबर में भाजपा, खींवसर में रालोपा एवं चौरासी में बाप पार्टी का विधायक था। झुंझुनूं में कांग्रेस के विधायक बृजेन्द्र ओला के झुंझुनूं, दौसा में कांग्रेस के मुरारीलाल मीणा के दौसा, देवली-उनियारा में कांग्रेस के हरीश मीणा के टोंक -सवाईमाधोपुर , खींवसर में रालोपा के विधायक हनुमान बेनीवाल के नागौर एवं चौरासी विधायक राजकुमार रोत के डूंगरपुर सांसद चुने जाने के कारण यह सीटे रिक्त हुई। इसी तरह रामगढ़ में कांग्रेस विधायक जुबैर खान एवं सलूंबर में भाजपा विधायक अमृतलाल मीणा के निधन से ये सीटे रिक्त हुई और इन पर उपचुनाव कराया गया।

उपचुनाव में कांग्रेस की सबसे ज्यादा चार सीटों पर अपनी चुनाव प्रतिष्ठा दांव पर हैं जबकि भाजपा की केवल एक सीट पर अपनी राजनीतिक प्रतिष्ठा दांव पर हैं। इसी तरह रालोपा और बाप की भी एक-एक सीट पर चुनाव प्रतिष्ठा दांव पर है।