मणिपुर में एनपीपी ने भाजपा नीत सरकार से लिया समर्थन वापस

शिलांग। मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा के नेतृत्व वाली नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) ने रविवार को मणिपुर में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया।

एनपीपी ने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह पर संकट को हल करने और सामान्य स्थिति बहाल करने में विफल रहने का आरोप लगाया है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को लिखे पत्र में संगमा (एनपीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष) ने मणिपुर में मौजूदा कानून और व्यवस्था की स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों में हमने स्थिति को और बिगड़ते देखा है, जहां कई निर्दोष लोगों की जान चली गई है और राज्य के लोग भारी पीड़ा से गुजर रहे हैं।

एनपीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि हमें दृढ़ता से लगता है कि सिंह के नेतृत्व में मणिपुर राज्य सरकार संकट को हल करने और सामान्य स्थिति बहाल करने में पूरी तरह विफल रही है। उन्होंने कहा कि मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए, नेशनल पीपुल्स पार्टी ने मणिपुर राज्य में सिंह के नेतृत्व वाली सरकार से अपना समर्थन तत्काल प्रभाव से वापस लेने का फैसला किया है।

उल्लेखनीय है कि 60 सदस्यीय मणिपुर विधानसभा में एनपीपी के पास सात विधायक हैं, जबकि भाजपा के पास 32 विधायकों के साथ पूर्ण बहुमत है। केंद्र, अरुणाचल प्रदेश और मेघालय में भाजपा की सहयोगी एनपीपी द्वारा समर्थन वापस लेने से बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार को कोई खतरा नहीं है।