नई दिल्ली। महाराष्ट्र और झारखंड में सत्तारूढ़ गठबंधनों ने विधानसभा चुनाव में भारी बहुमत के साथ फिर से सत्ता में आने का मार्ग प्रशस्त कर लिया है। महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति ने अभूतपूर्व जीत दर्ज कर सत्ता बरकरार रखने जा रही है, वहीं झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस के नेतृत्व में इंडिया समूह शानदार प्रदर्शन करते हुए दो-तिहाई बहुमत हासिल कर लिया है।
महाराष्ट्र में कांग्रेस, राकांपा (शरद पवार) और शिव सेना (यूबीटी) गठबंधन ने लोकसभा की सफलता के बाद राज्य में सत्ता वापसी को सपना संजोया था वह बिखर गया और उनका गठबंधन 288 सीटों वाली राज्य विधानसभा में 50 सीटों से नीचे पर सिमट कर रह गया है। राज्य में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना के धड़े और अजीत पवार के नेतृत्व वाले राकांपा ने अपने-अपने प्रतिद्वंदी धड़ों को पछाड दिया है।
राज्य में आए नतीजों से लगता है कि महाराष्ट्र के मतदाताओं ने कांग्रेस और सहयोगी पार्टियों के जनजातीय गणना और संविधान के लिए खतरे जैसे मुद्दों की बजाय सत्तारूढ महायुति के विकास के नारे और वर्तमान सरकार की लाडली बहिन, युवाओं को अप्रेंटिसशिप तथा प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी कल्याणकारी योजनाओं का समर्थन किया।
महाराष्ट्र और झारखंड के विधानसभा के साथ- साथ 15 राज्यों में 48 विधानसभा सीटों और दो लोकसभा सीटों पर भी चुनाव कराए गए थे। विधानसभा के उपचुनावों में सबसे चर्चित उत्तर प्रदेश के मुकाबलों में भाजपा और राष्ट्रीय लोक दल नौ में से सात सीटों पर जीत के साथ राजग का परचम ऊपर रखा जबकि पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, राजस्थान और असम में सत्तारूढ़ दलों ने अपनी मजबूत जमाए रखी है।
केरल की वायनाड लोकसभा सीट के उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा चार लाख से अधिक मतों से विजयी घोषित हुई हैं जबकि महाराष्ट्र की नांदेड लोक सभा सीट पर भाजपा के उम्मीदवार डॉ. संतुकराव मारोतराव हम्बारडे, कांग्रेस पार्टी के रवीन्द्र बसन्तराव चव्हाण से आगे चल रहे थे।
महाराष्ट्र में भाजपा, शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सत्तारूढ़ गठबंधन इस साल लोक सभा चुनाव में महाराष्ट्र में मिले आघात से उबर कर अप्रत्याशित रूप से प्रचंड जीत हासिल की है। राज्य की 288 सीटों वाली विधानसभा के चुनाव की शनिवार को चल रही मतगणना के रुझानों के अनुसार भाजपा-शिवसेना-रांकापा के महायुति गठबंधन को 234 सीटों पर विजय हुआ है।
राज्य में कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी महाविकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन को 49 सीटों पर विजयी हासिल हुई है। भाजपा को 132 सीटों पर जीत मिली है, जबकि शिव सेना 57, रांकापा को 41 सीटें मिली हैं। महायुति में शामिल जन सुराज्य शक्ति दो सीटों पर विजयी हुई है। गठबंधन के घटक राष्ट्रीय युवा स्वाभिमान पार्टी और राष्ट्रीय समाज राजर्षि शाहू विकास अघाडी एक-एक सीट पर जीत हासिल की है।
विपक्षी गठबंधन महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (एमवीए) के घटक कांग्रेस पार्टी को 16, रांकपा (शरद पवार) को 10 और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना को 20 सीटों पर जीत मिली है। समाजवादी पार्टी को दो सीटें, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, पीजेंट्स एंड वर्कर्स पार्टी ऑफ इंडिया और राष्ट्रीय समाज पक्ष को एक-एक सीट मिली है। ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तिहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) को एक सीट मिली है जबकि दो सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार को विजय हुए हैं।
भाजपा ने 149 सीटों पर चुनाव लड़ा था और इसकी जीत का औसत 88.59 प्रतिशत रहा है। शिवसेना और राकांपा ने भी क्रमश: 81 और 59 उम्मीदवार उतारे थे और दोनों ने करीब 70 प्रतिशत को स्ट्राइक रेट हासिल किया। शिव सेना (यूबीटी), कांग्रेस पाटी और राकांपा (शरद पवार) का स्ट्राइक रेट क्रमश: 21, 15 और 11.6 प्रतिशत रहा।
शिवसेना के नेता और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने महायुति की सफलता को प्रचंड जीत बताते हुये कहा कि यह सफलता न भूतो, न भविष्यति है। उन्होंने इसके लिए ‘लाडली बहनों, लाडले किसानों’ और हर वर्ग के मतदाताओं का आभार व्यक्त किया। शिंदे ने इसे महायुति सरकार के ढाई साल के काम का सफल बताया।
शिवसेना (उद्धव बालासाहब ठाकरे) के प्रवक्ता संजय राउत ने चुनाव परिणाम में कुछ गडबड़ जरूर है। विधानसभा में स्पष्ट बहुमत के लिए 145 सीटों की जरूरत होगी। उपमुख्यमंत्री और भाजपा के नेता ने चुनाव में महायुति की जीत का श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को देते हुए कहा कि हम महाराष्ट्र के हर नागरिक के प्रति आभार व्यक्त करते हैं।
राकांपा नेता अजीत पवार ने कहा कि लाडकी बहीण योजना ने बाजी पलट दी है। मैंने अपनी याद में ऐसी जीत नहीं देखी। महाराष्ट्र में अक्टूबर 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा और संयुक्त शिवसेना मिलकर चुनाव लड़े थे और उन्हें क्रमशः 105 और 56 सीटों पर जीत मिली थी जबकि रांकापा को 54 और कांग्रेस को 44 सीट प्राप्त हुई थी, लेकिन मुख्यमंत्री पद को लेकर शिवसेना के नेता उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस रांकापा का दामन पकड़ लिया था।
इसी साल अप्रैल-मई में हुए चुनाव में महाराष्ट्र में 48 लोक सभा सीटों में भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन को 17 सीटों पर और कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया समूह को 30 सीटों पर जीत हासिल हुयी थी। एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत हासिल की थी। राज्य में विधानसभा चुनाव के साथ नांदेड़ लोक सभा सीट का उपचुनाव भी कराया गया है। इस सीट पर भाजपा के उम्मीदवार डॉ संतुकराव मारोतराव हम्बारडे, कांग्रेस पार्टी के रवीन्द्र बसन्तराव चव्हाण से 43,800 मतों से आगे चल रहे थे।
महाराष्ट्र में भाजपा को करीब 26.72 प्रतिशत, शिवसेना 12.38, कांग्रेस को 12.24 प्रतिशत, राकांपा (शरद पवार) को 11.30 प्रतिशत, राकांपा (अजीत पवार) को 9.08 प्रतिशत, शिवसेना (यूबीटी) 10.04 प्रतिशत मत मिले हैं। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना को 1.56 प्रतिशत मिला है।
झारखंड की 81 सदस्यीय विधानसभा की चुनाव में झामुमो के नेतृत्व वाले इंडिया समूह को कुल 56 सीटों पर जीत दर्ज हुई है। जबकि सत्ता हासिल करने की होड में लगे भाजपा के नेतृत्व में राजग केवल 24 सीटों पर संतोष करना पड़ा है। झामुमो के नेता और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि जीत पर खुशी जताते हुए कहा कि हम लोकतंत्र के चुनाव में पास हो गए हैं।
झामुमो ने 34 सीटों पर विजय हासिल की है। जबकि भाजपा ने 21 सीटें जीती हैं। कांग्रेस पार्टी ने तीसरे स्थान पर रहते हुए 16 सीट हासिल की है। राष्ट्रीय जनता दल ने चार सीटों पर जीत हासिल की है। भाकपा (माले) ने दो सीटों पर विजय हासिल की है। आजसू, लोजपा, झालोकमो और जनता दल यूनाइटेड ने एक-एक सीट पर जीत हासिल की है।
उत्तर-पूर्वी झारखंड में भाजपा को और मध्य तथा दक्षिण इलाकों में कांग्रेस और झामुमो को बड़ी जीत मिली है। राज्य में भाजपा को 33.20 प्रतिशत, झामुमो को 23.46 प्रतिशत, कांग्रेस को 15.50 प्रतिशत मत हासिल हुए।