बरेली। उत्तर प्रदेश के बरेली में बरेली- बदायूं मार्ग पर अधूरे बने पुल से रविवार को कार गिरने के मामले में जिला प्रशासन ने चार इंजीनियर, गूगल मैप व अज्ञात ग्रामीणों पर एफआईआर दर्ज कराई है। इस बीच चीफ इंजीनियर बरेली परिक्षेत्र अजय कुमार ने जांच शुरू कराते हुए 24 घंटे में रिपोर्ट मांगी है।
रविवार सुबह हुए इस बड़े हादसे में तीन लोगों की मृत्यु हो गई थी। इस गंभीर हादसे में पीडब्ल्यूडी और लोक निर्माण अधिकारी सेतु निगम पर जिम्मेदारी डालते रहे लेकिन दूसरे दिन सोमवार सुबह बदायूं जिला प्रशासन सक्रिय हुआ और लोक निर्माण विभाग अधिकारियों की फटकार लगाई और बदायूं जनपद दातागंज थाने में तहसीलदार छविराम ने मुकदमा दर्ज कराया।
जिला प्रशासन ने इस हादसे के लिए गूगल मैप सिस्टम को पूरी तौर से दोषी पाया। साथ ही लोक निर्माण विभाग अधिकारियों की लापरवाही सामने आई है। तहसीलदार ने क्षेत्रीय प्रबंधक गूगल मैप और अज्ञात ग्रामीणों पर मुकदमा दर्ज कराया है।
दरअसल बदायूं जिला दातागंज से बरेली जनपद के फरीदपुर को जोड़ने के लिए एक पुल का निर्माण कराया गया था। पुल 2021- 22 में बनकर तैयार हुआ और 2022 में पुल पर वाहन दौड़ने लगे थे। कुछ महीने बाद ही बाढ़ आई और 2023 जुलाई में पुल की अप्रोच रोड पूरी तरह से बह गई। अधूरे पुल पर रविवार सुबह कार पुल से नीचे नदी में गिर गई और तीन लोगो की मौत हो गई थी।
पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने पुल की अप्रोच रोड बहने के बावजूद पुल के दोनों ओर कोई भी अवरोध, बैरिकेट नहीं किया गया। जिला प्रशासन ने तहसीलदार छबीराम की ओर से दातागंज थाने में पीडब्ल्यूडी बदायूं सहायक अभियंता अभिषेक कुमार, सहायक अभियंता आरिफ, अवर अभियंता अजय कुमार गंगवार, अवर अभियंता महाराज सिंह, क्षेत्रीय प्रबंधक गूगल मैप और ग्रामीणों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 105 तहत पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
शासन ने इस मामले में सख्त रवैया अपनाया है। जिसके चलते इंजीनियर लोक निर्माण विभाग बरेली परिक्षेत्र अजय कुमार ने मामले की जांच अधीक्षण अभियंता केके सिंह को सौंपी है। उन्होंने 24 घंटे में रिपोर्ट मांगी है।