समाज जागरण और धर्म संस्थापिका थीं माता अहिल्या बाई होलकर : पूज्य अमितदास महाराज

अहिल्याबाई होलकर त्रि-शताब्दी समारोह समिति के कार्यालय का उद्घाटन
अजमेर। देश में मुगल आक्रमण के कारण कमजोर हुए सांस्कृतिक मूल्यों के प्रति समाज जागरण तथा आक्रांताओं द्वारा विध्वंस किए गए विविध मान बिंदुओं को पुनः प्रतिष्ठा करवाकर माता अहिल्याबाई हिंदू समाज जागरण और धर्म संस्थापक की भूमिका में स्थापित हुई।

यह विचार बुधवार को अहिल्याबाई होलकर की जन्म त्रिशताब्दी समारोह समिति के पुष्कर प्रखंड कार्यालय के उदघाटन के अवसर व्यक्त किए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि इंदौर की रानी अहिल्या बाई होलकर एक कुशल शासक थी अपने संघर्षमय जीवन में जनकल्याण और लोक कल्याण के अनेक कार्य किए।

राजमाता अहिल्याबाई द्वारा जिन तीर्थों का पुनरुद्धार और निर्माण करवाया गया उनमें काशी विश्वनाथ मंदिर, बिहार गया का विष्णुपद मंदिर, सोमनाथ मंदिर, वाराणसी में अहिल्या बाई और मणिकर्णिका घाट का निर्माण, पुष्कर में होलकर घाट का निर्माण, हरिद्वार में हरकी पेड़ी के पास घाट इत्यादि मंदिरों और तीर्थ स्थलों का निर्माण करवाया जिससे इन्हें पूरे भारत में लोक माता के रूप में पूजा गया।

पुण्य श्लोक देवी अहिल्या बाई होलकर जन्म त्रिशताब्दी समारोह समिति के अध्यक्ष दशरथसिंह तंवर ने बताया कि देवी अहिल्या बाई ने अपने शासन में 28 वर्ष तक महिला होते हुए भी कुशलता से शासन किया जिसमें अपने कुशल सैन्य शक्ति का निर्माण किया साथ ही महिलाओं को भी सैनिक शिक्षा देकर तैयार किया जिससे जरूरत आने पर देश के लिए तैयार रहे।

अनेकों तालाब, कुएं, बावड़ियां, मंदिर, यज्ञ, महिलाओं के लिए विद्यालय शिक्षा जैसे अनेकों कार्यों से कुशाल शासन प्रबंधन किया जिससे कारण आज समाज उनसे प्रेरणा लेता हे और उन्हें लोकमाता के रूप में पूजता हे।

त्रिशताब्दी वर्ष में ये आयोजन होंगे

लोकमाता अहिल्या बाई होलकर तृतीय जन्म शताब्दी समारोह समिति पुष्कर प्रखंड द्वारा समाज जागरण के लिए महिला आत्मरक्षा प्रशिक्षण, शोभा यात्रा, नगर भगवा झंडी से सजाया जाएगा। विद्यालयों में प्रश्नोत्तरी, अहिल्या बाई सप्ताह में घर घर जाकर अहिल्या बाई से विचारों को बताया जाएगा। महाविद्यालय में अहिल्या बाई होलकर विचार गोष्ठी का आयोजन साथ ही अहिल्या बाई के धार्मिक और लोककल्याण के कार्य के माध्यम से समाज के जागरण का कार्य किया जाएगा।

बैठक में समिति के संरक्षक रामनिवास वशिष्ठ, अध्यक्ष दशरथ सिंह तंवर, बालकिशन पाराशर, नंदू लाल पंवार, राजेंद्र गौड़, टीकम चौहान, नंद किशोर पाराशर, नेहरू पंडित, रविकांत शर्मा, विष्णु शर्मा, दीपक सिंह, प्रवीण गुप्ता, जगदेव सिंह, प्रदीप पंवार, जयकुमार पाराशर, विवेक रांकावत आदि उपस्थित रहे।