जयपुर। प्रसिद्ध उद्योगपति एवं अदाणी समूह के अध्यक्ष गौतम अदाणी की मौजूदगी में राजस्थान की राजधानी जयपुर में 51वें इंडिया जेम्स एंड ज्वैलरी अवार्ड्स (आईजीजेए) समारोह का आयोजन हुआ जिसमें 24 इंडिया जेम्स एंड ज्वैलरी पुरस्कार प्रदान किए गए।
जेम एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (जीजेईपीसी) ने शनिवार रात अदाणाी के मुख्य आतिथ्य में आयोजित हुुए आईजीजेए समाराह में रत्न और आभूषण उद्योग के प्रमुख निर्यातकों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर दिए गए 24 इंडिया जेम्स एंड ज्वैलरी पुरस्कारों में 14 उद्योग प्रदर्शन पुरस्कार, सात विशेष मान्यता पुरस्कार, दो सम्मान पुरस्कार और एक रत्न और आभूषण उद्योग पुरस्कार शामिल था।
यह कार्यक्रम गोल्ड पार्टनर, वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल, पावर्ड बाई जीआईए द्वारा समर्थित था। एसोसिएट पार्टनर के रूप में जेमफील्ड्स और आरएमसी इस समारोह से जुड़े और वैभव ग्लोबल लिमिटेड ने सह-भागीदार की भूमिका निभाई।
इस अवसर पर अदाणी ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि युवाओं को भविष्य का निर्माता बताते हुए कहा कि डिजिटल उपकरणों के साथ कुशल कारीगरों और शिल्पकारों को सशक्त बनाना और उनका उत्थान करना हमारी आभूषण विरासत को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा। आखिरकार, हमारे युवा ही कल के निर्माता हैं। आइए उनकी क्षमता को भरपूर प्रोत्साहित करें और एक ऐसा भारत बनाएं जो विश्व मंच पर चमके।
उन्होंने कहा कि इनोवेशन और सस्टेनेबिलिटी केवल रुझान नहीं हैं बल्कि रत्न और आभूषण उद्योग के भविष्य की नींव हैं। उन्नत विनिर्माण तकनीकों से लेकर स्मार्ट वियरेबल्स तक, तकनीक आभूषण उद्योग में क्रांति ला रही है जो अनुकूलन और कनेक्शन के लिए अंतहीन अवसर प्रदान करती है। रत्न और आभूषण उद्योग को ग्लोबल स्तर पर अग्रणी बने रहने के लिए बदलाव को अपनाना चाहिए, यथास्थिति को चुनौती देनी चाहिए और बदलती उपभोक्ता जरूरतों के अनुकूल ढलना चाहिए।
जीजेईपीसी के अध्यक्ष विपुल शाह ने कहा कि यह बहुत जरूरी है कि हम हमेशा बड़ा सोचें, निरंतर नवाचार करें और तकनीक को अपनाएं- भारत के रत्न और आभूषण उद्योग का भविष्य पहले से कहीं अधिक उज्ज्वल है। मजबूत खुदरा विकास के साथ, मुंबई में इंडिया ज्वैलरी पार्क, जयपुर का जेम बोर्स और भारत रत्नम मेगा सीएफसी जैसी परियोजनाएं इस उद्योग की तस्वीर को बदलने के लिए तैयार हैं।
दूरदर्शी सरकारी नीतियों और एफटीए द्वारा समर्थित, हमारा उद्योग नई ऊंचाइयों को छूने के लिए तैयार है। साथ मिलकर, हम भारत को रत्न और आभूषणों में ग्लोबल स्तर पर अग्रणी के रूप में स्थापित कर सकते हैं, साथ ही हम इनोवेशन के साथ-साथ एक्सीलैंस और सस्टेनेबिलिटी के लिए मानक स्थापित कर सकते हैं।
जीजेईपीसी के उपाध्यक्ष किरीट भंसाली ने कहा कि रत्न और आभूषण उद्योग ने कई चुनौतियों का सामना करने के बावजूद पिछले साल 32 बिलियन डॉलर का निर्यात हासिल करके अविश्वसनीय काम कर दिखाया है।
इंडिया, वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल क्षेत्रीय सीईओ सचिन जैन ने कहा कि यह हमारा समय और युग है। अगले दस साल भारत के हैं। एक उद्योग के रूप में, हमारा लक्ष्य आधुनिक दृष्टिकोणों के माध्यम से उपभोक्ताओं, विशेष रूप से युवा पीढ़ी के साथ भावनात्मक रूप से जुड़ना है। हम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘विकसित भारत 2047’ के विजन को आगे बढ़ाने और इसे पूरा सहयोग करने के लिए भी प्रतिबद्ध हैं, जो भारत को विकासशील से विकसित राष्ट्र में परिवर्तित करेगा।
हम इस यात्रा में स्वर्ण की भूमिका को परिभाषित करने के लिए सरकार के साथ सहयोग कर रहे हैं, साथ ही वर्ष 2030, 2035 और उससे आगे भी और बड़ी उपलब्धियां हासिल करने की तैयारी कर रहे हैं। आईजीजेए दरअसल उल्लेखनीय उपलब्धियों और उनके पीछे के लोगों की कामयाबी का उत्सव है।
जीआईए इंडिया के एमडी श्रीराम नटराजन ने कहा कि भारतीय रत्न और आभूषण उद्योग हमारे देश के लिए बहुत महत्व रखता है, जो निर्यात, जीडीपी और रोजगार में महत्वपूर्ण योगदान देता है। यह सफलता सरकार, जीजेईपीसी, बैंकों और जीआईए और अन्य संस्थानों द्वारा समर्थित, व्यावसायिक परिवारों की उद्यमशीलता और वैश्विक व्यापार कौशल के माध्यम से कम समय में हासिल की गई है। निश्चित तौर पर यह सफलता उल्लेखनीय है। उद्योग जगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए स्वस्थ प्रतिस्पर्धा पर पनपता है और सामूहिक शक्ति से एकजुट होने पर अद्वितीय सहयोग प्रदर्शित करता है।
समारोह में डेरेवाला इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल ने लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड हासिल किया। वर्ष 1973 में अपनी स्थापना के बाद से आईजीजेए रत्न और आभूषण उद्योग में उत्कृष्टता का प्रतीक रहा है जो उद्योग को आगे बढ़ाने वाली उद्यमशीलता की भावना और नवाचार को मान्यता देता है। हर साल आईजीजेए रत्न और आभूषण क्षेत्र में उपलब्धि के शिखर को प्रदर्शित करते हुए सर्वश्रेष्ठ में से सर्वश्रेष्ठ को सम्मानित करता है।
यह प्रतिष्ठित समारोह उन कंपनियों और भागीदारों का सम्मान करता है जिनके योगदान ने उद्योग को निर्यात उत्कृष्टता का एक शानदार उदाहरण बना दिया है। आईजीजेए में पिछले कुछ वर्षों में सामाजिक जिम्मेदारी, इनोवेशन और एंटरप्रेन्योरशिप सहित नई श्रेणियों को अपनाया गया है और यह परिवर्तन इस उद्योग की गतिशील प्रकृति को भी दर्शाता है।