बदायूं। उत्तर प्रदेश में बदायूं जिले की एक विशेष अदालत ने बिल्सी विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी विधायक हरीश शाक्य समेत कुल 16 लोगों के खिलाफ गैंगरेप और करोड़ो की धोखाधड़ी के आरोप में मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है।
अपर मुख्य न्यायाधीश (एसीजेएम 2)/ विशेष न्यायाधीश एमपी एमएलए कोर्ट लीलू चौधरी ने मामले की सुनवाई के दौरान यह आदेश जारी किया। यह मामला जमीनी विवाद और बलात्कार से जुड़ा है, जिसमें पीड़िता के पति ने कोर्ट में न्याय की गुहार लगाई थी।
पीड़िता के पति और मुकदमे के वादी व विधायक के खिलाफ शिकायत करने वाले ललित कुमार का आरोप है कि शहर के निकट गांव बुधबाई में पूनम लॉन के पास उसके पिता ने काफी समय पहले जमीन खरीदी थी। यह इलाका सिविल लाइंस थाना क्षेत्र में आता है और जमीन की कीमत करोडों रुपए में है।
वादी का आरोप है कि हरीश शाक्य के गुर्गो ने उस पर जमीन बेचने का दवाब बनाया और लगभग 18 करोड रुपए की जमीन की कीमत 16 करोड़ 50 लाख रुपए में सौदा तय हो गया। जमीन की कीमत का 40 फीसदी एग्रीमेंट के वक्त देना तय हुआ मगर कुछ दिन बाद ही बिना 40 फीसदी दिए विधायक और उनके गुर्गे एग्रीमेंट का दबाव बनाने लगे।
रकम लिए बिना एग्रीमेंट नहीं करने पर पुलिस ने शिकायतकर्ता के चचेरे भाई को उठा लिया और उसे प्रताड़ित किया। इससे परेशान होकर पांच अगस्त 2022 को चचेरे भाई ने आत्महत्या कर ली। इसकी शिकायत देने के बावजूद पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की।
इस बीच विधायक ने शिकायतकर्ता की चाची को जमीन में हिस्सा देने के नाम पर अपने साथ मिला लिया। इसके बाद चाचा ने शिकायतकर्ता और उसके पिता के खिलाफ बेटे की हत्या का केस दर्ज कर दिया। शिकायतकर्ता ने जमीन दूसरे बिल्डर को बेचने की कोशिश की लेकिन विधायक के लोगों ने उसे जमीन नहीं बेचने दी। इसमें कानूनी अड़चन लगा दी गई, साथ ही चचेरे भाई की पत्नी की ओर से गैंगरेप का केस दर्ज कर दिया गया।
इस बीच पुलिस ने तीन दिन तक शिकायतकर्ता को कस्टडी में रखकर पीटा। बाद में विधायक के लोग उसे पुलिस से छुड़ाकर अपने साथ ले गए और उसको प्रताड़ित किया। शिकायतकर्ता का आरोप है कि उसकी पत्नी से विधायक समेत उनके साथियों ने गैंगरेप भी किया।
इस फैसले के बाद विधायक हरीश शाक्य और उनके सहयोगियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। कोर्ट के आदेश ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में हलचल मचा दी है। कोर्ट ने थाना सिविल लाइंस पुलिस को 10 दिन के अंदर मुकदमा दर्ज कर निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। वहीं, पीड़िता और उनके परिवार ने न्याय मिलने की उम्मीद जताई है।
बदायूं के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार सिंह ने बताया है कि अभी उन्हें आदेश प्राप्त नहीं हुआ है। अदालत का आदेश प्राप्त होने के पश्चात मुकदमा दर्ज कर उचित वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
उधर, भाजपा विधायक हरीश शाक्य ने कहा है कि उन्हें अदालत द्वारा मुकदमे के आदेश किए जाने की कोई जानकारी नहीं है। यदि कोई मुकदमा दर्ज करने के कोर्ट द्वारा आदेश किए गए हैं तो वे पुलिस प्रशासन का हर तरह का सहयोग करने को तैयार है। शाक्य ने कहा है कि उन्हें न्यायपालिका और पुलिस प्रशासन पर पूर्ण भरोसा है और उन्हें पूरी उम्मीद है कि उन्हें न्याय मिलेगा।