सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा आज का दिन : भजनलाल शर्मा

जयपुर। राजस्थान के मुख्मयंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का आभार प्रकट करते हुए कहा है कि संशोधित पीकेसी लिंक परियोजना (एकीकृत ईआरसीपी) पर एमओए के चलते आज का दिन सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा।

शर्मा उनकी सरकार का एक वर्ष पूरा होने पर आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में बोलते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि राज्य में डबल इंजन की सरकार आमजन की हर आकांक्षा को पूरा करने एवं राज्य को प्रगति पथ पर तेजी से आगे ले जाने के लिए पूरी लगन एवं गम्भीरता के साथ कार्य कर रही है।

उन्होंने कहा कि इस महत्वाकांक्षी परियोजना से राजस्थान के 21 जिलों में रहने वाले लगभग सवा तीन करोड़ लोगों को सुलभ पेयजल की उपलब्धता के साथ साथ लगभग ढाई लाख़ हैक्टयर नये क्षेत्र में सिंचाई तथा लगभग डेढ़ लाख हैक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई हेतु अतिरिक्त पानी की व्यवस्था हो सकेगी। साथ ही इन जिलों में स्थापित होने वाले उद्योगों को भी आवश्यकता के अनुरूप पानी मिल सकेगा।

शर्मा ने कहा कि मोदी के मार्गदर्शन में आज एक ही दिन में एक लाख करोड़ रुपए से अधिक के विभिन्न विकास कार्यों का मार्ग प्रशस्त हुआ है। इसमें 46 हजार करोड़ रुपए से अधिक की योजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण हुआ है एवं लगभग 58 हजार करोड़ रुपए के विभिन्न विकास कार्यों के टेण्डर जारी हुए हैं।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की प्रेरणा से कर्मभूमि से मातृभूमि कार्यक्रम के तहत राजस्थान के लगभग 45 हजार गांवों में भूजल पुनर्भरण के लिए रिचार्ज वैल बनाने के महत्वपूर्ण कार्यक्रम की शुरुआत भी हुई है। मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के तहत एक लाख से अधिक कार्यो को सरकार बनते ही शुरू कराया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने अपने पहले ही साल में युवा, किसान, महिलाओं एवं गरीबों के लिए कल्याणकारी कार्य किए हैं। लगभग 43 हजार युवाओं को पिछले एक वर्ष में सरकारी नौकरी दी गई है। हमारी सरकार लगभग एक लाख 29 हजार सरकारी नौकरियों की प्रक्रिया पर तेजी से बढ़ रही है और लगभग 27 हजार भर्तियों की प्रक्रिया शीघ्र शुरू की जा रही है। इस प्रकार राज्य सरकार दो लाख भर्तियों पर काम कर राज्य के युवाओं के भविष्य को बेहतर बनाने के लिए पूरी गंभीरता से काम कर रही है।

शर्मा ने कहा कि हमारी सरकार ने 70 लाख से अधिक किसानों को लगभग 5 हजार 6 सौ करोड़ रुपये की राशि सीधे ही उनके खातों में हस्तान्तरित की है। पशुपालक किसानों के लिए मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना एवं मोबाइल पशु चिकित्सा युनिटों की शुरुआत की गई है। उन्होंने कहा कि मातृवंदन योजना के तहत पहले साल में ही साढ़े चार लाख महिलाओं को सहायता देने के साथ, एक हजार नए आंगनबाड़ी केन्द्र खोलने, आंगनबा़डी केन्द्रों पर दूध वितरण के लिए अमृत आहार योजना तथा बेटियों के उज्जवल भविष्य को सुनिश्चित करने के लिए लाडो प्रोत्साहन योजना शुरू की गई हैं। मुख्यमंत्री ने हाल ही में राज्य के ग्रामीण इलाकों में रह रहे जरूरतमंद लोगों के लिए 3 लाख 41 हजार घरों की स्वीकृति के लिए प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद भी ज्ञापित किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने अपने पहले साल में ही 10 लाख परिवारों को पेयजल कनेक्शन और दूर-दराज के एक हजार गांवों को नई सड़कों से जोड़ा है। उन्होंने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के चौथे फेज के अन्तर्गत प्रदेश के 1 हजार 700 गांवों, ढाणियों एवं मजरों को पक्की सड़क से जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में निवेश को बढावा देने के लिए राईजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट के आयोजन से 35 लाख करोड़ रूपये से अधिक के निवेश एमओयू सम्पादित किए गए हैं।

इस अवसर पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि संशोधित पीकेसी लिंक परियोजना (एकीकृत ईआरसीपी) के माध्यम से राजस्थान और मध्यप्रदेश के जिलों में तीन नदियों का पानी लाने में आधुनिक युग के भागीरथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अहम भूमिका है। डॉ.यादव ने कहा कि लंबे समय से इस योजना का विवाद न्यायालयों में चल रहा था, 20 वर्ष बीत जाने के बाद इसका समाधान हुआ है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश एक तरह से नदियों का मायका है। पार्वती, काली सिंध और चंबल का उद्गम भी मध्यप्रदेश से होता है। उन्होंने कहा कि 70 हजार करोड़ रुपये लागत की इस परियोजना में राज्य सरकारों पर मात्र 10 प्रतिशत ही वित्तीय भार आएगा और 90 प्रतिशत अंशदान केन्द्र सरकार देगी।

केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने कहा कि राजस्थान सरकार के लिए यह ऐतिहासिक दिन है, जब राज्य में पानी की किल्लत को दूर करने के लिए प्रधानमंत्री ने राज्य को ईआरसीपी के रूप में बड़ा तोहफा दिया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा देश में स्वच्छ भारत मिशन के माध्यम से 11 करोड़ शौचालय बनाए गए, जिससे 60 करोड़ लोगों को मदद मिली तथा जल जीवन मिशन के माध्यम से 15 करोड़ घरों को स्वच्छ पानी मिला। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अनूठी संकल्पना ‘कैच द रेन’ से प्रेरित है। जन्मभूमि से कर्मभूमि अभियान में अब तक 3 लाख रैन वाटर रिचार्ज स्ट्रक्चर बनाए गए हैं, जो वर्षा का पानी संग्रहित कर भूमिगत पानी के स्तर को बढ़ाएंगे। 10 लाख रैन वाटर रिचार्ज बोर के लक्ष्य के साथ चलाया जा रहा यह अभियान जन भागीदारी से जन आंदोलन में परिवर्तित हो गया है।

इस अवसर पर शर्मा ने पार्वती नदी के जल से भरा कलश, डा यादव ने कालीसिंध नदी का जल कलश तथा पाटिल ने चंबल नदी का जल कलश प्रधानमंत्री को सौंपा जिन्हें उन्होंने रामसेतु जल संकल्प कलश मे प्रवाहित किया। इस मौके मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को भगवान श्रीनाथ जी की तस्वीर और जयपुर की ब्लू पॉटरी का शंख भेंट किया। समारोह में संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चम्बल परियोजना के लिए केन्द्र सरकार, मध्य प्रदेश एवं राजस्थान के बीच हस्ताक्षरित मेमोरेण्डम ऑफ एग्रीमेंट प्रदर्शित किया गया। इस अवसर पर परियोजना पर आधारित लघु फिल्म भी दिखाई गई।

इस अवसर पर राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागड़े, केंद्रीय कृषि एवं कृषक कल्याण राज्यमंत्री भागीरथ चौधरी, उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी एवं डा प्रेम चंद बैरवा, जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत, मध्यप्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, सांसद मदन राठौड़, पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे तथा राज्य मंत्रिपरिषद के सदस्य, सांसद, विधायक सहित कई जनप्रतिनिधि, अधिकारी एवं बड़ी संख्या में आमजन मौजूद थे।

इस मौके प्रधानमंत्री ने इस समारोह में 46 हजार 365 करोड़ रुपए की परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। जिन परियोजनाओं का शिलान्यास हुआ में उनमें 9416 करोड़ की लागत से कूल नदी पर रामगढ़ बैराज, पार्बती नदी पर महलपुर बैराज एवं चम्बल नदी पर जलसेतु (एक्वाडक्ट) सहित नवनेरा बैराज से बीसलपुर बांध तथा ईसरदा बांध में जल अपवर्तन तंत्र निर्माण।

676 करोड़ रुपए की लागत से धौलपुर से भरतपुर-डीग-कुम्हेर-नगर-कामां और पहाड़ी तक पेयजल ट्रांसमिशन एवं चंबल- धौलपुर-भरतपुर रेट्रोफिटिंग का कार्य, 2522 करोड़ रुपए की लागत से सरकारी कार्यालय भवनों पर रूफटॉप सोलर संयत्रों की स्थापना, 1200 करोड़ रुपए की लागत से पूगल (बीकानेर) में आरवीयूएनएल के 2000 मेगावाट सोलर पार्क का विकास, 590 करोड़ रुपए की लागत से एक हजार मेगावॉट पूगल सोलर पार्क फेज प्रथम, 588 करोड़ रुपए की लागत से एक हजार मेगावॉट पूगल सोलर पार्क फेज द्वितीय, 1382 करोड़ रुपए की लागत से भड़ला -3 और बीकानेर -3 कॉम्पलेक्स के इन्टरकनेक्शन के लिए ट्रांसमिशन सिस्टम हेतु प्रसारण तंत्र का सदृढीकरण शामिल है।

इसी तरह 13028 करोड़ रुपए की लागत से पावरग्रिड के राजस्थान रिन्यूएबल एनर्जी जोन से बिजली निकासी के लिए प्रसारण तंत्र हेतु विभिन्न फेज के 5 कार्य, 5922 करोड़ रुपए की लागत से लूनी-समदड़ी-भीलड़ी रेलमार्ग, अजमेर-चंदेरिया (चित्तौडगढ़) रेलमार्ग एवं जयपुर-सवाई माधोपुर रेलमार्ग के दोहरीकरण का कार्यों का शिलान्यास किया गया।

जिन परियोजनाओं का लोकार्पण हुआ उनमें 1069 करोड़ रुपए की लागत से कालीसिंध नदी पर निर्मित नवनेरा बैराज, 764 करोड़ रुपए की लागत से स्मार्ट विद्युत ट्रांसमिशन नेटवर्क एवं असेट मैनेजमेन्ट सिस्टम का कार्यान्वयन, 5,039 करोड़ रुपए की लागत से पावरग्रिड के सोलर एनर्जी जोन से बिजली निकासी के लिये प्रसारण तंत्र सुदृढ़ीकरण के फेज-2 के 3 कार्य, 1420 करोड़ रुपए की लागत से 8-लेन दिल्ली-वडोदरा ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसव के मेज नदी-एसएच-37 ए जंक्शन (पैकेज 12) खण्ड का लोकार्पण, 1308 करोड़ रुपए की लागत से 4-लेन जोधपुर रिंग रोड डांगियावास-जाजीवाल (पैकेज-1) खण्ड का लोकार्पण, 839 करोड़ रुपए की लागत से 6-लेन अमृतसर-जामनगर ग्रीनफील्ड इकोनॉमिक कॉरिडोर देवगढ़-राजस्थान/गुजरात सीमा (पैकेज 8) खण्ड का लोकार्पण एवं 602 करोड़ रुपए की लागत से भीलड़ी- समदड़ी- लूनी-जोधपुर-मेड़ता रोड-डेगाना-रतनगढ़ रेलमार्ग के विद्युतीकरण कार्य शामिल हैं।

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