सिरोही की जनसंख्या के बराबर लगा दिए पेड़, भाजपा राज में अजीबो गरीब घोटाले का आरोप

सिरोही एडीएम को ज्ञापन देते कांग्रेस नेता।

सबगुरू न्यूज -सिरोही। सिरोही नगर परिषद में अद्भुत घोटाले की शिकायत सामने आई है। नगर परिषद के प्रशासक को ज्ञापन देकर कांग्रेस के कार्यवाहक पार्षदों ने इस अनियमितता में भाजपा पदाधिकारी की भूमिका का आरोप लगाया है। घोटाले में जो आरोप लगाया है वो नरेंद्र मोदी और भजनलाल सरकार के जीरो टॉलरेंस फॉर करप्शन की पोल खोल रहा है। इसमें जो आरोप लगाए गए है उसके अनुसार सिरोही शहर की जनसंख्या के लगभग आधी संख्या में पौधे सिरोही शहर में लगाए गए हैं, इतने पौधे लगते तो सिरोही में ज़मीन दिखनी बंद हो जाती सिर्फ पौधे दिखते।
कांग्रेस के पार्षद मारूफ कुरैशी, भरत कुमार और अनिल प्रजापत ने कांग्रेस पार्षदों के हस्ताक्षर के साथ अतिरिक्त जिला कलेक्टर को नगर परिषद प्रशासक ने नाम का ज्ञापन सौंपा। इसमें आरोप लगाया गया है कि महात्मा गांधी शहरी रोजगार योजना के तहत सिरोही नगर परिषद क्षेत्र में पौधरोपण करने के काम में अनियमितता हुई है। अनियमितता का खुलासा करते है कांग्रेस पार्षदों ने आरोप लगाया कि जो पत्रावली उनके हाथ लगी है उसके अनुसार स्वायत्त शासन विभाग जयपुर कार्यालय से 29 मई 2024 को सिरोही में उद्यान, श्मशान, कब्रिस्तान, और नगर परिषद क्षेत्रों में सार्वजनिक स्थानों पर पौधरोपण करने की स्वीकृति आई थी। इसके माध्यम से 27500 पौधे सिरोही नगर परिषद क्षेत्र में लगाए जाने थे। इसकी प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति 30 जुलाई 2024 को जारी हुई थी। उनका आरोप है कि इसकी दरें ज्यादा थी और इसमें अनियमितता हुई है। कांग्रेस पार्षदों ने पौधों का भौतिक सत्यापन करवाकर इसमें शामिल लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में मुकदमा दर्ज करवाने की माँग की है।सिरोही नगर परिषद में अद्भुत घोटाले की शिकायत सामने आई है।इसके अनुसार सिरोही शहर में इस बार नगर परिषद ने सिरोही की जनसंख्या से भी ज्यादा पौधे लगा दिए हैं। नगर परिषद के प्रशासक को ज्ञापन देकर कांग्रेस के कार्यवाहक पार्षदों ने इस अनियमितता में भाजपा पदाधिकारी की भूमिका का आरोप लगाया है। घोटाले में जो आरोप लगाया है वो नरेंद्र मोदी और भजनलाल सरकार के जीरो टॉलरेंस फॉर करप्शन की पोल खोल रहा है।
कांग्रेस के पार्षद मारूफ कुरैशी, भरत कुमार और अनिल प्रजापत ने कांग्रेस पार्षदों के हस्ताक्षर के साथ अतिरिक्त जिला कलेक्टर को नगर परिषद प्रशासक ने नाम का ज्ञापन सौंपा। इसमें आरोप लगाया गया है कि महात्मा गांधी शहरी रोजगार योजना के तहत सिरोही नगर परिषद क्षेत्र में पौधरोपण करने थे । कांग्रेस पार्षदों ने आरोप लगाया कि जो पत्रावली उनके हाथ लगी है उसके अनुसार स्वायत्त शासन विभाग जयपुर कार्यालय से 29 मई 2024 को सिरोही में उद्यान, श्मशान, कब्रिस्तान, और नगर परिषद क्षेत्रों में सार्वजनिक स्थानों पर 20 हज़ार पौधे रोपने की स्वीकृति आई थी। ये पौधे नर्सरी से नगर परिषद से उन्हें मिल गए थे। इसके बाद नगर परिषद ने 27500 पौधे की और निविदा निकाली। इसकी प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति 30 जुलाई 2024 को जारी हुई थी। उनका आरोप है कि इसकी दरें ज्यादा थी और इसमें अनियमितता हुई है। कांग्रेस पार्षदों ने पौधों का भौतिक सत्यापन करवाकर इसमें शामिल लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में मुकदमा दर्ज करवाने की माँग की है। कांग्रेस पार्षदों के ज्ञापन के आंकड़े जोड़े तो सिरोही शहर में इस बार 47 हज़ार 500 पौधे लगाए गए हैं। जबकि 2011 की सेन्सस के अनुसार सिरोही की जनसंख्या करीब 39 हज़ार है।
– ये लगाया आरोप
इस ज्ञापन में बताया गया कि निविदा के3 अनुसार खेजडी, पारस, पीपल, आकाश, नीम, कनेर गूलर, बरगद, नीम, शीशम, सेमल कचनार, सहजना, कदम्ब, लेसुवा, बोगनवेलिया, शहतूत देशी, महुआ, बेरी, चांदनी, करंज के 2 वर्ष उम्र के 3 से 5 फीट तक के 27500 पौधे लगवाने थे। वन विभाग नर्सरी द्वारा हजारों की सख्या में नगर परिषद को उपलब्ध करवा दिये गये थे।
इसमें आरोप लगाया कि राजनैतिक दवाब में आपसी मिलीभगत से पारदर्शिता पूर्ण काम निविदा में नहीं किया गया। इसमें आरोप लगाया कि निविदा के लिए मात्र 2 फर्मों की हिस्सेदारी की गई। इसमें आरोप लगाया कि भाजपा पदाधिकारी की फर्म मीरा कन्सट्रक्शन ने इसमें पहली बार ही हिस्सा। लिया। पहली बार में ही बाजार दर से अधिक दरों पर पर कार्यआदेश जारी कर दिया गया। इसमें आरोप लगाया गए कि निविदा शर्तों की पालना में मांग अनुसार पौधे की किस्म, साईज व संख्या उपलब्ध नही करवायी गयी है। सभापति द्वारा भौतिक सत्यापन करने पर भारी अनियमितता पायी थी।

इस ज्ञापन में बताया गया कि निविदा के अनुसार खेजडी, पारस, पीपल, आकाश, नीम, कनेर गूलर, बरगद, नीम, शीशम, सेमल कचनार, सहजना, कदम्ब, लेसुवा, बोगनवेलिया, शहतूत देशी, महुआ, बेरी, चांदनी, करंज के 2 वर्ष उम्र के 3 से 5 फीट तक के 27500 पौधे लगवाने थे। इससे पहले वन विभाग नर्सरी द्वारा नगर परिषद को हजारो की संख्या में नगर परिषद को उपलब्ध करवा दिये गये थे। इसके बाद ये निविदा वाले 27 हज़ार 500 पौधे भी आए।
इसमें आरोप लगाया कि राजनैतिक दवाब में आपसी मिलीभगत से पारदर्शिता पूर्ण काम निविदा में नहीं किया गया। इसमें आरोप लगाया कि निविदा के लिए मात्र 2 फर्मों की हिस्सेदारी की गई।

भाजपा पदाधिकारी की फर्म मीरा कन्सट्रक्शन ने इसमें पहली बार ही हिस्सा। लिया। पहली बार में ही बाजार दर से अधिक दरों पर पर कार्यआदेश जारी कर दिया गया। इसमें आरोप लगाया गए कि निविदा शर्तों की पालना में मांग अनुसार पौधे की किस्म, साईज व संख्या उपलब्ध नही करवायी गयी है। सभापति द्वारा भौतिक सत्यापन करने पर भारी अनियमितता पायी थी।

– जानबूझकर की ऑफलाइन निविदा
ज्ञापन में आरोप लगाया गया कि जानबुझकर 9 लाख 90 हज़ार की ये निविदा ऑफलाईन जारी की गयी। इसका भुगतान बिल 14 लाख 30 हजार का प्रस्तुत किया गया है। वन विभाग नर्सरी द्वारा प्राप्त हजारों पौधों का भौतिक सत्यापन करते हुये फर्म द्वारा उपलब्ध नही करवाये गये। इसमें मांग की गई है कि पौधों का भौतिक सत्यापन करवाकर एस०सी०बी० में प्रकरण दर्ज करवाकर मुकदमा दर्ज करवाते हुये फर्म को ब्लैक लिस्टेड किया जाए। मिलीभगत से जारी कथित फर्जी निविदा व सप्लाई पौधा प्रकरण की सम्पूर्ण जाँच कर दोषियों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही करने की मांग भी की गई। नगर परिषद् के राजस्व से होने वाले भुगतान को भी रोकने की मांग की गई।