भाेपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के समीप सुनसान इलाके में आज तड़के एक कार से लगभग 50 किलो सोना और नौ करोड़ रुपए से अधिक की नगदी मिलने का सनसनीखेज मामला सामने आने के बाद आयकर विभाग ने इस मामले में पड़ताल शुरू कर दी है। जप्त सोने की कीमत 40 करोड़ रुपए के आसपास आंकी गई है।
इन दिनों भोपाल के एक बड़े कारोबारी और उसके सहयोगियों के भोपाल, इंदौर और ग्वालियर में 50 से अधिक ठिकानों पर आयकर विभाग की छापे की कार्रवाई के दौरान अरबों रुपए की संपत्ति संबंधी दस्तावेज मिलने के अलावा राज्य की लोकायुक्त पुलिस के द्वारा परिवहन विभाग के एक पूर्व आरक्षक सौरव शर्मा के ठिकानों पर की गई छापे की कार्रवाई चर्चा में है। सौरव शर्मा के यहां स्थित दो तीन ठिकानों पर छापों के दौरान दो करोड़ 85 लाख रुपए नगद के अलावा गहने और संपत्तियों में निवेश संबंधी दस्तावेज मिले हैं।
इस बीच आयकर विभाग ने एक सूचना के आधार पर स्थानीय पुलिस की मदद से तड़के स्थानीय मेंडोरी क्षेत्र के सुनसान इलाके से एक लग्जरी कार की तलाशी ली, तो सभी की आंखें फटी रह गयीं। इस कार से सॉलिड गोल्ड मिला, जो लगभग 50 किलो है। इसी कार से बड़ी मात्रा में नगदी मिली, जो नौ करोड़ रुपयों से अधिक है।
जब इस कार मालिक के बारे में पता लगाया गया तो यह ग्वालियर निवासी एक व्यक्ति के नाम पर पंजीकृत मिली और यह व्यक्ति लोकायुक्त छापे की जद में आए सौरव शर्मा का परिचित निकला। यह व्यक्ति भी फिलहाल भोपाल में ही रहता है। इस आधार पर आशंका है कि छापे के दौरान कार में रखे सोने और नगदी को छिपाने या उसे ठिकाने लगाने का प्रयास किया गया होगा। इस संबंध में फिलहाल जांच की बात जिम्मेदारों द्वारा की जा रही है।
लोकायुक्त पुलिस की सौरव शर्मा के ठिकानों छापे की कार्रवाई के दौरान दो करोड़ 85 लाख रुपए नगद के अलावा लगभग एक करोड़ रुपए मूल्य के सोने, चांदी के गहने और अनेक अचल संपत्ति में निवेश संबंधी दस्तावेज जप्त पहले ही जप्त किए जा चुके हैं। लोकायुक्त पुलिस का कहना है कि छापे की कार्रवाई गुरुवार सुबह प्रारंभ हुई थी और इस मामले में जांच जारी है। सौरव के आवास और कार्यालय से जप्त दस्तावेजों की पड़ताल की जा रही है। इसके अलावा उसके बैंक खातों और बैंक लॉकर्स के बारे में भी पता लगाया जा रहा है। फिलहाल आरोपी सौरव शर्मा लोकायुक्त पुलिस के गिरफ्त में नहीं आया है।
छापे की कार्रवाई के दौरान आरोपी सौरव शर्मा के परिजन घर पर मौजूद थे। आरोपी शहर के बाहर है और फिलहाल उसकी लोकेशन नहीं मिल रही है। परिजनों ने उसके मुंबई में होने की जानकारी दी, जबकि कुछ लोगों ने उसके दुबई जाने के बारे में बताया। पुलिस इस मामले में वैधानिक कार्रवाई कर आगे की कार्रवाई सुनिश्चित करेगी। आरोपी परिवहन विभाग में आरक्षक के पद पर कार्यरत था। कुछ समय पहले वह सरकारी सेवा छोड़कर निजी कारोबार में लग गया। उसके शहर के कथित रसूखदार लोगों से भी संपर्क की जानकारी सामने आई है।
दूसरी ओर भोपाल के एक बड़े कारोबारी और उसके सहयोगियों के ठिकानों पर आयकर विभाग की कार्रवाई बुधवार को प्रारंभ हुई थी और अब यह लगभग पूरी हो गई है। इस कार्रवाई के दौरान विभिन्न ठिकानों से पांच करोड़ रुपए नगद के अलावा अरबों रुपयों के निवेश संबंधी दस्तावेज मिले हैं। कारोबारी और उसके सहयोगियों के भोपाल, इंदौर और ग्वालियर स्थित चार दर्जन से अधिक ठिकानों पर आयकर विभाग द्वारा छापे की कार्रवाई की गई। यह कारोबारी राज्य के एक पूर्व वरिष्ठतम नौकरशाह से जुड़ा हुआ बताया गया है। इसी नौकरशाह के प्रभाव का उपयोग करते हुए बेनामी संपत्ति बनाने और कर चोरी का यह मामला प्रतीत होता है और इसी आधार पर आयकर विभाग ने कार्रवाई प्रारंभ की है।
छापे की ये दोनों कार्रवाइयां इन दिनों चर्चा का केंद्र बनी हुई हैं। सोशल मीडिया में इसको लेकर तरह तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। आयकर विभाग की कार्रवाई के बारे में माना जा रहा है कि यह कार्रवाई राज्य के पूर्व मंत्री दीपक जोशी की कुछ समय पहले प्रधानमंत्री कार्यालय से की गयी शिकायत के आधार पर की गई है। हालाकि इस संबंध में आयकर विभाग अभी कुछ नहीं बोल रहा है। यह कारोबारी और उससे जुड़े लोग जमीनों की खरीद फरोख्त के अलावा रीयल ईस्टेट और कंस्ट्रक्शन के कारोबार से जुड़े बताए गए हैं।