मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के पूर्व प्रमुख ललित मोदी पर एक ‘तुच्छ और पूरी तरह से गलत’ याचिका दायर करने के लिए एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया है।
आईपीएल के पूर्व प्रमुख मोदी ने बीसीसीआई को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के उल्लंघन के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से उन पर लगाए गए 10.65 करोड़ रुपए के जुर्माने की भरपाई करने का आदेश देने की मांग की।
न्यायमूर्ति महेश सोनक और न्यायमूर्ति जितेंद्र जैन की खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा कि याचिका तुच्छ है, और तदनुसार, हम इस याचिका को टाटा अस्पताल को देय एक लाख रुपए के जुर्माने के साथ खारिज करते हैं।
न्यायालय ने जुर्माना लगाते हुए कहा कि उच्चतम न्यायालय की ओर से 2005 में जेड टेलीफिल्म्स लिमिटेड एवं अन्य बनाम भारत संघ एवं अन्य में दिए गए स्पष्ट आदेशों के बावजूद, बीसीसीआई संविधान के अनुच्छेद 12 के तहत राज्य शब्द की परिभाषा के अनुरूप नहीं है। गौरतलब है कि ललित मोदी ने 2018 में बीसीसीआई के खिलाफ रिट आदेश की मांग करते हुए तत्काल तुच्छ याचिका दायर की है।
न्यायाधीशों ने आदेश में कहा कि प्रवर्तन निदेशालय की ओर से याचिकाकर्ता पर लगाए गए जुर्माने के संदर्भ में याचिकाकर्ता की कथित क्षतिपूर्ति के मामले में किसी सार्वजनिक कार्य के निर्वहन का कोई सवाल ही नहीं है। इसलिए, इस उद्देश्य के लिए बीसीसीआई को कोई रिट जारी नहीं की जा सकती। किसी भी स्थिति में, राहत पूरी तरह से गलत है।
फेमा के तहत न्यायाधिकरण ने याचिकाकर्ता पर 10,65,00,000 रुपए का जुर्माना लगाया है। याचिकाकर्ता अब बीसीसीआई पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को यह राशि चुकाने के लिए एक रिट ऑफ परमांडम चाहता है और ऐसा कोई परमांडम जारी नहीं किया जा सकता है।