जयपुर। राजस्थान के पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि अधिकारी हर महीने चार रात्री गांव में विश्राम करें और फील्ड में जाकर वहां के विकास कार्यों को देखें।
दिलावर शनिवार को पंचायती राज विभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने अधिकारियों को रात्रि विश्राम के दौरान शाम छह बजे से सुबह छह बजे तक गांव में ही रहने एवं महीने में एक बार खुली जनसुनवाई करने के निर्देश दिए ताकि लोगों की समस्याओं एवं शिकायतों का समाधान हो सके।
उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के बारे में समीक्षा करते हुए कहा कि इसकी टेंडर प्रक्रिया में तेजी लाई जाय, ओडीएफ प्लस, ठोस तरल कचरा प्रबंधन, बालिका विद्यालयों में पिंक टॉयलेट, प्लास्टिक कचरे का निपटान, प्लास्टिक मैनेजमेंट इकाई स्थापित करने, गांवों में कचरा परिवहन के लिए वाहन व्यवस्था सुनिश्चित करने, पॉलीथिन का विक्रय करने वालों को तीन दिन में चिह्नित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक को प्रभावी तरीके से रोकने के लिए गांव-गांव में बर्तन भंडार बनाये जाय और लोगों को जागरूक एवं प्रेरित करने के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाए।
गोवरधन योजना के बारे में कहा कि इसके लिए स्वच्छता मित्र बनाने, ग्राम वाइज महिला समूहों को शामिल करने के साथ ही गोशालाओं से जोड़ने की आवश्यकता बताई।जिससे प्रचुर मात्रा में बायोगैस का उत्पादन हो सके। उन्होंने घुमंतू, अर्द्ध घुमंतू एवं विमुक्त वर्ग के परिवारों को पट्टा आवंटन अभियान के बारे में कहा कि बसंत पंचमी तक पट्टा आवंटन का कार्य शत प्रतिशत पूरा हो जाना चाहिए।
जो जातियां केन्द्र सूची में है और इस सूची में नहीं है तो उन्हें भी केन्द्र सूची के अनुसार जोड़ा जाए। इनके निवास के बारे में पुख्ता जानकारी के लिए गांव के दो पुराने व्यक्तियों से तस्दीक कराने के साथ ही अलग से पहचान का प्रमाण पत्र देने एवं इनकी बस्तियों में केम्प लगाकर योजनाओं की जानकारी एवं लाभ देने के निर्देश दिए।
उन्होंने हरियालो राजस्थान अभियान के बारे में कहा कि अभी 82 प्रतिशत पौधे जीवित है। फरवरी माह से नष्ट हुए पौधों की जगह नए पौधे लगाए जाए। इनकी देखरेख के लिए 200 पौधों पर एक नरेगा कर्मी लगाने और 24 घंटे निगरानी के लिए एक सिस्टम विकसित किया जाए। इन पौधों की जियो टेगिंग कर फोटो भिजवायी जाए। अगले साल 10 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य है। इसी प्रकार स्वामित्व योजना के बारे में कहा कि पट्टा देना एक सतत प्रक्रिया है पट्टा देने के लिए टाइमलाइन निश्चित की जाए। उन्होंने ड्रोन से सर्वे करने, मैप निर्माण की प्रगति की समीक्षा की।
मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान के बारे में कहा कि जल स्तर को बढ़ाने के लिए विशेष तौर से कार्य करवाए जाए। तालाबों का जीर्णोद्धार करवाया जाए। ये धार्मिक व पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। बंजर भूमि को उपजाऊ भूमि बनाने के लिए टारगेट लेकर कार्य किए जाए, तालाबों व केचमेंट एरिया से अतिक्रमण हटाने के साथ ही इनकी सुरक्षा की जाए।
उन्होंने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के बारे में कहा कि पानी व्यर्थ नहीं बहे। इसके लिए बहने वाले नालों को तालाब की तरफ डायवर्ट किया जाए। उन्होंने कहा कि पंचायतों के विकास के लिए जिस मद में राशि आवंटित की गई है उसका उपयोग उसी मद में किया जाय किसी अन्य मद में नहीं। उन्होंने विलायती बबूल से चारकोल बनाने के लिए गुण दोष के आधार पर मंथन कर प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए। दिलावर ने पॉवर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से विभागीय कार्यों एवं योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की।