परावर्तन के अग्रदूत स्वामी श्रद्धानन्द को मिले भारत रत्न : डॉ॰ श्रीगोपाल बाहेती

अजमेर। अग्रणी स्वतंत्रता सैनानी, दलितोद्धारक व गुरूकुलीय शिक्षा पद्धति के पोषक स्वामी श्रद्धानंद महाराज के 99वें बलिदान दिवस पर महर्षि दयानन्द निर्वाण स्मारक न्यास भिनाय कोठी पर आचार्य जागेश्वर निर्मल के बृहमत्व में वृहद यज्ञ का आयोजन किया गया।

यज्ञ के यजमान न्यास के मंत्री सोम रत्न आर्य रहे। स्वामी श्रद्धानंद के बलिदान दिवस पर प्रकाश डालते हुए पूर्व विधायक व न्यास के प्रधान डॉ॰ श्रीगोपाल बाहेती ने बताया कि आज़ादी के आंदोलन के अग्रणी सेनानी, दलितोद्धारक, गुरुकुल शिक्षा के प्रणेता स्वामी श्रद्धानंद ने भारतीय समाज को एक रूपता प्रदान करने का अथक प्रयास किया।

स्वामीजी ने आज़ादी के पहले ही 1922 में दलितोद्धार सभा की स्थापना की और जन्मना जाति का विरोध किया। अपना घर बेचकर गुरुकुल कांगड़ी की स्थापना की जिसके पहले विद्यार्थी स्वामी श्रद्धानन्द जी के सुपुत्र हरिश्चंद्र और इन्द्र थे। स्वामीजी समानता, समता व बन्धुता के प्रबल पोषक थे।

उल्लेखनीय है कि जलियांवाला काण्ड के बाद जब कांग्रेस अधिवेशन के स्वागताध्यक्ष का दायित्व आपने ही स्वीकारा। महर्षि दयानन्द निर्वाण न्यास भारत सरकार से मांग करता है कि ऐसे त्यागी तपस्वी निर्भीक स्वतंत्रता सैनानी स्वामी श्रद्धानन्द को भारत रत्न दिया जाए।

आयुर्वेदिक काढ़ा (क्वाथ) का वितरण

इस अवसर पर बीमारियां, सर्दी के बचाव व रोग प्रतिरोग क्षमता की वृद्धि के लिए क्वाथ विशेषज्ञ महेश अग्रवाल द्वारा निर्मित 100 लीटर आयुर्वेदिक काढ़ा (क्वाथ) का निःशुल्क वितरण किया गया। पंडित रामस्वरूप, डॉ. राम किशन गुर्जर, प्रकाश किशोर खन्ना, सुरेश राठौड़, सुरेश आर्य, राहुल आर्य, गीता तिवारी सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।