अजमेर। महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय के वनस्पति विज्ञान विभाग में वीर बाल दिवस बड़े श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाया गया। इस अवसर पर वीर बालकों को पुष्पांजलि अर्पित की गई।
वनस्पति विज्ञान के प्रोफेसर अरविंद परीक ने वीर बाल दिवस पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह जी के चारों साहिबजादों ने देश, धर्म और मानवता की रक्षा हेतु अपने प्राणों की आहुति दी।
इस दिन को याद करते हुए उन्होंने बताया कि वजीर खान ने दोनों छोटे साहिबजादों, बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह जी को इस्लाम स्वीकार करने के लिए कई प्रलोभन दिए, लेकिन वीर साहिबजादों ने अपने धर्म के प्रति अडिग रहते हुए इन प्रस्तावों को ठुकरा दिया।
इसके बाद, वजीर खान ने इन साहसी बालकों को दीवार में जीवित समाधि देने का आदेश दिया। उनके इस महान बलिदान को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए यह दिवस मनाया गया है।
डॉ. राजू शर्मा ने इस अवसर पर राज्य सरकार से यह मांग की कि विश्व में धर्म की रक्षा के लिए सबसे कम उम्र में शहीद होने वाले इन साहसी बालकों की वीर गाथाओं को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए, ताकि युवा पीढ़ी इस सर्वोच्च बलिदान से प्रेरणा ले सके और देशभक्ति की भावना को आत्मसात कर सके। कार्यक्रम में अतिरिक्त कुल सचिव डॉ. दिग्विजय सिंह चौहान, दिलीप शर्मा और वनस्पति विज्ञान विभाग के शोधार्थी उपस्थित थे।