नई दिल्ली। कर्नाटक की राजधानी बेंगलूरु में मानव मेटान्यूमो वायरस (एचएमपीवी) के दो मामले सामने आए हैं। एचएमपीवी के तमिलनाडु में दो और गुजरात में एक मामला आने की भी खबरें है हालांकि इनकी पुष्टि नहीं हुई है।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने सोमवार को कहा है कि एचएमपीवी से घबराने की आवश्यकता नहीं है। यह कोई नया वायरस नहीं है। भारत में यह सबसे पहले वर्ष 2001 में पाया गया था। इसके संबंध में देश में ही विभिन्न चिकित्सा संस्थानों में छह अध्ययन किए गए हैं। यह वाइरस मुख्य रूप से सर्दी के मौसम के अंत और बसंत ऋतु की शुरुआत में दिखाई देता है।
उन्होंने कहा कि देश में श्वसन संबंधी बीमारियों में कोई वृद्धि नहीं है। विभिन्न चिकित्सा संस्थान स्थिति पर लगातार नजर रख रहे हैं। इसके अलावा विश्व स्वास्थ्य संगठन से भी चीन की अद्यतन जानकारी देने का अनुरोध किया गया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने बताया कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद की नियमित जांच से कर्नाटक में मानव मेटान्यूमो वायरस के दो मामलों का पता चला हैं। दोनों मामलों की पहचान देश भर में श्वसन संबंधी बीमारियों की निगरानी के लिए आईसीएमआर के चल रहे प्रयासों के अंतर्गत सामने आए हैं।
मंत्रालय ने कहा है कि यह वायरस पहले से ही भारत सहित दुनिया भर में मौजूद है और इससे जुड़ी श्वसन संबंधी बीमारियों के मामले कई देशों में मिले हैं। इसके अलावा आईसीएमआर और एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) नेटवर्क के मौजूदा आंकड़ों के आधार पर देश में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) या गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी (एसएआरआई) के मामलों में कोई असामान्य वृद्धि नहीं हुई है।
मंत्रालय ने कहा है कि तीन महीने की एक कन्या को ब्रोन्कोन्यूमोनिया रोग के साथ बेंगलूरु के बैप्टिस्ट अस्पताल भर्ती कराया गया था। इसकी जांच एचएमपीवी का पता चला। नियमित उपचार के बाद उसे अब छुट्टी दे दी गई है।
इसके अलावा तीन जनवरी को आठ महीने का एक बालक भी ब्रोन्कोन्यूमोनिया की शिकायत के बाद इसी अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसे भी एचएमपीवी से पीडित पाया गया। यह शिशु अब ठीक हो रहा है। दोनों पीड़ितों ने या इनके संपर्क में किसी ने भी विदेश यात्रा नहीं की है। इस बीच एचएमपीवी से तमिलनाडु में दो और गुजरात में एक मामला सामने आने की खबरें मिली है। हालांकि उनकी आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं हो पाई है।
मंत्रालय ने कहा है कि सभी उपलब्ध निगरानी चैनलों के माध्यम से स्थिति की निगरानी की जा रही है। आईसीएमआर पूरे वर्ष एचएमपीवी परिसंचरण की निगरानी जारी रखेगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन भी पहले से ही चीन में स्थिति के बारे में समय-समय पर जानकारी दे रहा है ताकि चल रहे उपायों के बारे में और जानकारी दी जा सके। भारत श्वसन संबंधी बीमारियों में किसी भी संभावित वृद्धि को संभालने के लिए अच्छी तरह से सुसज्जित है और यदि आवश्यक हो तो सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा तैनात की जा सकती है।