नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने आम आदमी पार्टी पर हमला करते हुए आज कहा कि अरविंद केजरीवाल की विलासिता के प्रतीक शीशमहल को लेकर पार्टी के राज्यसभा में नेता सदन संजय सिंह और दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज के मुख्यमंत्री आवास में जबरन घुसकर हो-हल्ला करना मौकापरस्ती एवं नौटंकी है और विधानसभा चुनाव में जनता इन्हें इसका समुचित जवाब देगी।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं राज्यसभा सांसद डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने पार्टी के मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया और आम आदमी पार्टी के नेताओं पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल के शीशमहल की सच्चाई जनता से छिपाने के प्रयास अराजकता और निरर्थकता का उदाहरण है। डॉ. त्रिवेदी ने दिल्ली में आचार संहिता लागू होने के बाद आम आदमी पार्टी द्वारा किए जा रहे हो-हल्ले को मौकापरस्ती और नौटंकी करार करार देते हुए शीशमहल को अरविंद केजरीवाल की विलासिता का प्रतीक बताया।
डॉ. त्रिवेदी ने कहा कि दिल्ली में आचार संहिता लगने के साथ ही भ्रष्टाचार के स्मारक (शीश महल) की हकीकत जनता के सामने आती जा रही है। आज एक भोंडा प्रदर्शन आम आदमी पार्टी के नेता सदन संजय सिंह और मंत्री सौरभ भारद्वाज द्वारा किया गया। ये जितना भी प्रयास कर लें, परंतु शीश महल, जो अरविंद केजरीवाल की विलासिता का स्मारक है, उसे बचा नहीं सकते। ये लाचारी है या बाजीगरी है, यह दिल्ली की जनता भलीभांति समझती है।
दिल्ली की जनता को निर्लज्जता से लूटकर शीशमहल को विलासिता की वस्तुओं का संग्रहालय बनाया गया, आम आदमी पार्टी इस सच्चाई से बच नहीं सकती। इस शीशमहल को बचाने के लिए आम आदमी पार्टी के नेताओं द्वारा जो कृत्य किए जा रहे हैं, वे उनके अहंकार, उद्दंडता और अराजकता का ही प्रदर्शन है, जो आम आदमी पार्टी की स्वाभाविक प्रवृत्ति का हिस्सा है।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि आम आदमी पार्टी का स्वाभाविक चरित्र ही अराजकता फैलाना है और इसी कारण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आम आदमी पार्टी को आपदा कहा है। अक्टूबर 2012 में अरविंद केजरीवाल ने खुद बिजली की तारें काटी थीं। इसके अलावा केजरीवाल ने गणतंत्र दिवस के दिन धरना प्रदर्शन करते हुए तत्कालीन राजपथ (अब कर्तव्यपथ) को प्रदर्शनकारियों से भरने की धमकी दी थी। यह भारत के इतिहास में एकमात्र ऐसा उदाहरण है, जब गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम के दौरान इस तरह की अराजकता का प्रदर्शन हुआ हो।
5 मार्च 2014 को 11 अशोका रोड स्थित भाजपा कार्यालय पर लाठी-डंडों से हमले किए गए, जिनमें आम आदमी पार्टी की वर्किंग कमेटी के लोग शामिल थे। 19 फरवरी 2018 को मुख्यमंत्री आवास में दिल्ली के मुख्य सचिव के साथ शारीरिक हिंसा की गई। 10 मई 2024 को अपनी ही पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ मुख्यमंत्री आवास में मारपीट की गई और अब, आज 8 जनवरी को, मुख्यमंत्री आवास में जबरन घुसकर दिल्ली के पीडब्ल्यूडी मंत्री सौरभ भारद्वाज आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति कर रहे हैं।
डॉ. त्रिवेदी ने दिल्ली के पीडब्ल्यूडी मंत्री सौरभ भारद्वाज पर निशाना साधते हुए सवाल किया कि अगर सौरभ भारद्वाज की बातों में रत्ती भर भी सच्चाई है, तो दिल्ली में आचार संहिता लागू होने के बाद ही प्रदर्शन क्यों किए जा रहे हैं, जबकि, कल तक पीडब्ल्यूडी मंत्री सौरभ भारद्वाज ही थे और विभाग का नियंत्रण भी उन्हीं के पास था। यह लाचारी है या बाजीगरी? दिल्ली की जनता इस सच्चाई को भली-भांति समझ रही है। सौरभ भारद्वाज और आम आदमी पार्टी के नेता जिस तरह दिल्ली के चुनावी अधिकारियों को धमकाते हैं, वह न केवल दिल्ली बल्कि केंद्र सरकार के अधिकारियों का भी अपमान है। यह आम आदमी पार्टी की अराजक प्रवृत्ति का एक अन्य उदाहरण है।
उन्होंने पूछा कि क्या यह सत्य नहीं है कि पीडबल्यूडी विभाग ने दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी को 2 आवासों का प्रस्ताव दिया, जिनमें एक राजनिवास रोड और दूसरा दरियागंज में स्थित था। कोई भी सरकारी आवास किसी भी व्यक्ति को मिलता है, तो उसे सीधा आवंटित न कर पहले विभाग उसे अपने नियंत्रण में लेता है और फिर दूसरे व्यक्ति को आवंटित किया जाता है।
नए सांसदों को उनका आवास पिछले सांसदों से नहीं, बल्कि केंद्रीय पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा आवंटित होता है। तो फिर दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने यह दावा कैसे कर दिया कि मुख्यमंत्री आवास उन्हें सीधे मिल गया था? इतने वर्षों से दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार है, तो क्यों नहीं उन्होंने इस आवास को अधिकृत मुख्यमंत्री आवास घोषित किया?
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी को दो आवास आवंटित किए जा चुके हैं, मगर उन्होंने अब तक इस पर कोई भी स्पष्टीकरण नहीं दिया और सरासर झूठ बोला जा रहा है कि वह दिल्ली के मुख्यमंत्री का आधिकारिक आवास है। इनकी सरकार के पीडब्ल्यूडी मंत्री को शीशमहल पर हुए सरकारी खर्च के बारे में पता ही नहीं है। 8-8 हजार में एक कुर्सी खरीदी गई, जो बाजार मूल्य से 40 गुना अधिक है और जिसका ब्योरा लगाए गए बिलों में दर्ज है।
डॉ. त्रिवेदी ने कहा कि दिल्ली वित्तीय सेवा नियमावली 2019 के अनुसार 10 करोड़ रुपए से अधिक की कोई भी खरीदी होगी, तो उसका प्रस्ताव पहले उपराज्यपाल तक जाएगा। लेकिन एक पढे-लिखे आदमी ने शीशमहल बनाने में ऐसी बुद्धि लगाई कि ज्यादातर बिल 9.5 और 9 करोड़ रुपए के आसपास बनाकर 10 करोड़ रुपए से नीचे रखे गए।
एक सितंबर 2020 को 8 करोड़ रुपए, 22 जनवरी 2021 को 9 करोड़ 9 लाख रुपए, 29 जून 2021 को 9 करोड़ 34 लाख रुपए और एक बिल तो 9 करोड़ 99 लाख रुपए का पास किया गया। ये सभी बिल इस हिसाब से बनाए गए कि 10 करोड़ रुपए की परिधि पार न हो और बिल को पास करवाने के लिए उपराज्यपाल के पास न भेजना पड़े।
भाजपा का आम आदमी पार्टी से सीधा प्रश्न है कि यह लोग उस घर में घुसना क्यों चाहते थे? क्योंकि अब वह घर ईडी और सीबीआई की जांच क्षेत्र के अधीन है, तो क्या आप के नेता उस घर के सामान को इधर-उधर करना चाहते थे? आप के नेता उस घर की व्यवस्थाओं में कोई कमी उत्पन्न करना चाहते थे या कुछ छिपाना चाहते थे? ऐसा लगता है कि आप के नेता उस घर से या तो कुछ उठाना चाहते थे या कुछ बिगाड़ना चाहते थे, क्योंकि पूर्व में ऐसी कई घटनाएं सामने आई हैं, जब पूर्व मुख्यमंत्रियों के आवास से कुछ उठाया या उखाड़ा गया हो। आम आदमी पार्टी के नेता कुछ उठाने या उखाड़ने की फितरत से जबरन शीशमहल में घुसने की घबराहट, बौखलाहट और खिसियाहट तो नहीं दिखा रहे थे? आम आदमी पार्टी का यह आचरण स्पष्ट कर रहा है कि इनको दीवार पर लिखी इबारत की तरह, दिल्ली में अपनी हार साफ दिखने लगी है।
डॉ. त्रिवेदी ने कहा कि पहले तो आम आदमी पार्टी का मानना था कि न चाहूं घोड़ा-गाड़ी, न चाहू बंगला-गाड़ी, न चाहूं हीरा-मोती, केवल चाहूं जन लोकपाल। और आज यही पार्टी कह रही है कि नजर लागी तोरे बंगले पर। आप के सभी नेताओं, मंत्रियों और सांसदों की नजर केवल बंगले पर लगी हुई है। अब आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल की स्थिती ऐसी हो चुकी है, जो बता रही है कि शीशमहल में हुए भ्रष्टाचार का वीभत्स और भीषण प्रदर्शन से दिल्ली की जनता ठगी हुई महसूस कर रही है।
आम आदमी पार्टी पर एक वाक्य बहुत सटीक बैठ रहा है कि अब जो चेहरे पर जाहिर है, छुपाएं कैसे? तेरी मर्जी के मुताबिक नजर आएं कैसे? घर सजाने का तसव्वुर हुआ अब बाद की बात, अब तो मुश्किल है कि घर की हकीकत छुपाएं कैसे? भाजपा, आम आदमी पार्टी के भ्रष्टाचार के स्मारक को जनता के सामने स्पष्ट करेगी और उनके किसी भी प्रकार के छल-प्रपंच को किसी भी प्रकार से कामयाब नहीं होने देगी। दिल्ली की जनता के साथ जो भ्रष्टाचार हुआ है, उसे उजागर करने के बाद दिल्ली की प्रबुद्ध जनता आम आदमी पार्टी के चेहरे पर लगे मुखौटे को उतरा हुआ देख चुकी है। आगामी विधानसभा चुनाव में जनता इन्हें उपयुक्त, प्रभावी और करारा जवाब देगी।