एसओजी ने किया आईओसीएल की पाइपलाइन से तेल चोरी का भंडाफोड़

खेत की जमीन में बने टैंकों में मिला चोरी किए तेल का जखीरा
अलवर। राजस्थान में कोटपूतली-बहरोड़ जिले के शाहजहांपुर थाना क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग -48 पर बेलनी मार्ग के पास भारतीय तेल निगम लिमिटेड (आईओसीएल) की पाइपलाइन से चोरी के मामले में बुधवार को विशेष ऑपरेशन समूह (एसओजी) और शाहजहांपुर पुलिस ने चोरी के तेल के भंडार का पता लगाया है।

पुलिस सूत्रों ने बुधवार को बताया कि संयुक्त दल को टोल प्लाजा से करीब दो किलोमीटर दूर नीमराना के जनक सिंह पुरा गांव के पास एक भूखंड में कच्चे तेल का भंडार मिला है। जहां जमीन के अंदर चोरी के तेल का भंडारण किया करके वॉल्व लगाकर उसकी आपूर्ति की जा रही थी। इसके बाद पुलिस ने पूरे क्षेत्र को सील कर दिया है। यहां खुदाई करके पूरी जानकारी जुटाई जाएगी।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि बेलनी मार्ग पर शाहजहांपुर निवासी कैलाश चंद के खेत को कुछ लोगों ने किराये पर ले रखा था। इसके बाद यहां चार दीवारी बनाकर आईओसीएल की लाइन से तेल की चोरी की जा रही थी, जिस पर पुलिस ने मंगलवार को छापा मारा।

इसके बाद मौके से दो किलोमीटर दूर एक गोदाम को खोजा गया है। जहां वॉल्ब लगाकर तेल की आपूर्ति की जा रही थी। इसके बाद पुलिस ने पूरे भूखंड को सील कर दिया है। भूखंड की तलाशी ली जा रही है। आईओसीएल के दल ने मौके पर मशीन मंगवाई है, जिससे तेल तलाश किया जा रहा है।

जयपुर एसओजी के पुलिस उपाधीक्षक शिव कुमार भारद्वाज ने बुधवार को बताया- बेलनी मार्ग पर शाहजहांपुर निवासी कैलाश चंद का खेत है। इस खेत की जमीन में से आईओसीएल के कच्चे तेल की पाइपलाइन जा रही है, जो गुजरात से हरियाणा जाती है। कबाड़ रखने के नाम पर खेत को अगस्त 2024 में 15 हजार रुपए महीने के हिसाब से हिसार (हरियाणा) निवासी अर्जुन राम गोस्वामी के नाम से किराए पर लिया गया था। इसके बाद आरोपियों ने ही खेत के एक हिस्से में चार दीवारी करवाई और दो कमरों का निर्माण करवाया।

उन्होंने बताया कि 26 दिसम्बर को पाइपलाइन में तेल आपूर्ति के दौरान दबाव कम हो गया। इस पर कंपनी के अधिकारियों को तेल चोरी का संदेह हुआ। कंपनी अधिकारियों ने अपने स्तर पर जांच की तो शाहजहांपुर के इस खेत के भूखंड से वॉल्व लगाकर ऑयल चोरी करने का मामला सामने आया, तब दबिश दी गई। इस दौरान दबिश की खबर मिलते ही आरोपी मौके से भाग निकले।

भारद्वाज ने बताया दबिश के दौरान खेत में निर्मित दो कमरों में से एक कमरे में करीब आठ फीट गहरा और चार फुट चौड़ा गड्डा मिला। गड्ढे को सीमेंट के ब्लॉक से पक्का किया हुआ था। गड्ढे में बिजली और सीसीटीवी कैमरे भी लगे मिले। तेल माफिया सीसीटीवी कैमरे की डीवीआर भी अपने साथ ले गए। उन्होंने कहा कि संभवत: घटनास्थल से दूर बैठा सरगना इन्हीं सीसीटीवी कैमरों की मदद से संचालन कर रहा था और तेल की चोरी की जा रही थी।

तेल चोरी की रिपोर्ट सोमवार को दी गई थी, हालांकि मामला सामने आने के तुरंत बाद पुलिस मौके पर पहुंच गई थी, लेकिन, आरोपी वहां से भाग गए थे। किराये के लिए जो पहचान पत्र खेत के मालिक को दिया गया, उसकी जानकारी हिसार जाकर जुटाई तो वह फर्जी निकला।