वासुदेव देवनानी ने जन्म दिन के अवसर पर लिया सन्तों का आशीर्वाद

अजमेर। राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने युवाओं को अपनी संस्कृति की रीति-नीति के निर्वह्न की सीख लेने की जरुरत बताते हुए कहा है कि युवा पीढ़ी भविष्य के भारत का नेतृत्व करेगी और वही हमारी ध्वज वाहक होगी, ऐसे में युवा पीढ़ी के कन्धों पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी होने के कारण उन्हें सनातन को समृद्ध करने और उसकी रक्षा करने का संकल्प लेना चाहिए।

देवनानी उनके जन्म दिन पर आयोजित कार्यक्रमों की श्रृंखला के तहत गुरूवार को रामस्नेही आश्रम में सन्तों का आशीर्वाद लिया और इस मौके यह बात कही। उन्होंने कहा कि युवा ही है जो देश को आगे बढ़ाएंगे और विश्व में भारत का परचम फहराएंगे। उन्होंने कहा कि भारतीय सनातन संस्कृति विश्व की सबसे प्राचीन संस्कृति में से एक है। भारत में सदैव से सनातन और संतों के समन्वय की परम्परा रही है। सनातन में संतों के आशीर्वाद का बहुत महत्व है। यह परम्परा हमें अपनी संस्कृति का निर्वह्न करने की सीख देती है।

उन्होंने कहा कि पुष्कर तीर्थराज के रूप में जाना जाता है। यहां पूरे भारत वर्ष से संतों का आना जाना रहता है। पुष्कर कई महान ऋषियों और तपस्वियों की तपस्या स्थली रही है। यहां संतों का सान्निध्य और उनका आशीर्वाद बड़े गौरव की बात है। यह हमारी प्राचीन संस्कृति की पूरे विश्व को एक अनोखी देन है कि हम त्याग, तपस्या और ज्ञान के स्वरूप सन्तों का आशीर्वाद और मार्गदर्शन प्राप्त करते है। यह परम्परा सदियों से चली आई है और सदैव बनी रहेगी। इससे पहले उन्होंने आश्रम में संतों को भोजन कराकर एवं करीब 200 सन्तों को शॉल ओढ़ाकर उनका सम्मान कर उनसे आशीर्वाद लिया।