संतों को मिले गुरूकुल के लिए भूमि, कोरिडोर व सन सिटी बने : महामण्डलेश्वर हंसराम

बाबा ईसरदास साहिब के शताब्दी महोत्सव
अजमेर। बाबा ईसरदास साहिब के शताब्दी महोत्सव पर ईश्वर मनोहर उदासीन आश्रम में चल रही श्री रामकथा व राम लीला मंचन के अंतिम दिन श्रद्धालुओं का रैला उमड पडा। संतों व श्रद्धालुओं ने भगवान श्रीराम व हनुमान जी की महाआरती की। महामण्डलेश्वर हंसराम उदासीन, महंन्त स्वरूपदास, महन्त हनुमानराम व संत महात्माओं के सानिध्य में धार्मिक आयोजन हो रहे हैं।

परमात्मा को भी धरती पर अवतरित होने पर लेना पडता है संत या गुरु का सहारा : अशोकानन्द
अशोकानंद महाराज ने दो तोतों का प्रसंग सुनाते हुए गुरु और शिष्य के संवाद का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि गुरु ने अपने शिष्य को समझाया कि जीवन में ऊपर ऊंचाइयों पर उड़ना है, आजाद रहना है तो मरना पड़ेगा। संत दुनिया में अमर क्यों हैं, क्योंकि उन्होंने अपनी सारी इच्छाओं और वासनाओं का अंत कर दिया है। इसीलिए तो वे संत है, स्वयं परमात्मा भी जब धरती पर अवतरित होते हैं तब वह भी किसी संत या गुरु का सहारा लेते हैं। रामलीला का समापन राम जानकी विवाह के साथ हुआ, इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने भगवान राम के भजनों पर झूमते हुए नृत्य किया।

धर्म संसद व संत दर्शन का आयोजन

धर्म संसद व संत दर्शन हरी शेवा उदासीन आश्रम भीलवाड़ा के महामण्डलेश्वर हंसराम उदासीन ने कहा कि छत्तीसगढ़ के राजीम कुंभ की तर्ज पर पुष्करराज में भी कुंभ लगाया जाए। वहीं 13 अखाड़ों को और प्रतिष्ठित संतों के स्थानों को पुष्कर में जगह दें ताकि वे अपना गुरूकुल चला सकें। पुष्कर में पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे और ओंकारसिंह लखावत ने कोरिडोर और सन सिटी बनाने का आश्वासन दिया था। अब राज्य और केन्द्र में एक ही विचारधारा की सरकार है। इस कार्य को पूरा करें। वहीं केन्द्रीय मंत्री भागीरथ चौधरी ने कहां कि जल्दी ही पुष्कर में कोरिडोर व सन सिटी बनाने के लिए प्रयास किए जाएंगे।

कार्यक्रम में ईश्वर मनोहर उदासीन आश्रम अजय नगर के महन्त स्वरूपदास उदासीन सनातन आश्रम, हरी शेवा उदासीन आश्रम भीलवाड़ा के महामंडलेश्वर हंसराम उदासीन ने केन्द्रीय कृषि राज्यमंत्री भारत सरकार के भागीरथ चौधरी का स्वागत किया।

संत दर्शन 12 जनवरी को सुबह 10 बजे से 12 बजे तक कर सकेंगे। कई विषयों पर चर्चा कर कियान्वित लाने पर प्रस्ताव पारित किए जाएंगे। धर्म संसद में तीर्थराज पुष्कर के महन्त हनुमानराम, किशनगढ से महन्त श्यामदास, भीलवाड़ा से गणेशदास, चित्तौडगढ से स्वामी गुरुदास, जयपुर से स्वामी गुलराज, संत जयकुमार, स्वामी माधवदास, राजकोट से स्वामी अमरलाल, गांधीधाम से महन्त दर्शनदास, भावनगर गुजरात से सांई दीपकलाल, फकीर सांई नन्दलाल, उज्जैन से महन्त आत्मदास, सतना महन्त ख्मियादास, महन्त ईश्वरदास, महंत संतोषदास, महन्त पुरुषोतमदास, इन्दौर से स्वामी मोहनदास, भोपाल से बाबा मोहनदास, स्वामी तुलसीदास, रीवा से स्वामी हंसदास, संत स्वरूपदास, उल्लासनगर से महंत अर्जुनदास, जबलपुर से स्वामी आसनदास, हरिद्वार से महंत गंगादास, अहमदाबाद से सांई जगदीशलाल, संगीता महेश पान्त्रा सहित अजमेर के संत महात्मा श्रीराम विश्वधाम के महंत अर्जुनदास, श्री ईश्वर गोविन्दधाम के स्वामी ईश्वरदास, निर्मलधाम के स्वामी आत्मदास, प्रेमप्रकाश आश्रम वैशाली नगर के स्वामी रामप्रकाश, दादा नारायणदास, जतोई दरबार के भाई फतनदास सांई बाबा मंदिर के महेश तेजवानी, गीता मंदिर के भीष्म जी सम्मिलित रहे।

महेन्द्र कुमार तीथार्णी ने बताया कि श्री सद्गुरू स्वामी ईसरदास जी के शताब्दी निर्वाण महोत्सव के अवसर पर 12 जनवरी को सुबह 9 से 10 बजे तक ध्वजा प्रतिष्ठान, 12 जनवरी को संतों का भंडारा व विदाई का कार्यक्रम होगा। 13 जनवरी को सुबह 9 बजे यज्ञ अनुष्ठाान पूर्णाहूति, सुबह 10 बजे से संतों का आशीर्वाद, प्रसादी, शाम 5 बजे समाधि पूजन व आरती, रात्रि 9 बजे पल्लव प्रार्थना के साथ उत्सव का विश्राम किया जाएगा।