सृजन 2025 : तीन दिवसीय वार्षिक उत्सव का भव्य समापन

संस्कृति, सृजनशीलता और सामुदायिक भागीदारी का उत्सव
अजमेर। राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय सृजन वार्षिक खेल व सांस्कृतिक महोत्सव 2025 का भव्य समापन मंगलवार को हुआ।

कुलपति प्रो आनंद भालेराव ने बताया कि इस साल राजस्थान केन्द्रीय विश्वविद्यालय में इस भव्य उत्सव सृजन का ये तीसरा संस्करण मनाया जा रहा है और यह देखकर मुझे बहुत गर्व होता है कि बहुत कम समय में यह हमारे विश्वविद्यालय का सबसे बड़ा उत्सव बन गया है।

यह जीवंत उत्सव हमारी समृद्ध संस्कृति, प्रतिभा और उत्साह को प्रदर्शित करता है। इस कार्यक्रम की विशेषता है कि सभी विद्यार्थियों, शिक्षकों और कर्मचारियों की सक्रिय भागीदारी, जो एक अविस्मरणीय अनुभव बनाने के लिए एक साथ आते हैं। यह एक ऐसा मंच है जहां विचार पनपते हैं, परंपराएं जीवंत होती हैं और हमारा कैम्पस उत्सव के केंद्र में बदल जाता है।

तीन दिन तक चले इस खेल और सांस्कृतिक उत्सव में कई प्रतियोगिताएं आयोजित की गई जिनमें अभिनय से जुडी प्रतिस्पर्धाओं जैसे एकांकी, माइम, मोनोलोग, स्किट शामिल थे। नृत्य प्रतिस्पर्धाओं में लोक कला, क्लासिकल, वेस्टर्न, श्रेणी के एकल व सामूहिक नृत्य प्रतियोगिता थी, कलाकृति की गतिविधियों में मेहंदी, पोस्टर, फोटोग्राफी, रंगोली प्रतियोगिताएं का आयोजन किया गया।

इन गतिविधियों के सामानांतर ही योग क्लब द्वारा योग के विविध आसनों की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। संगीत प्रतियोगिताओं में क्लासिकल, इंस्ट्रुमेंटल, लाइट वोकल, वेस्टर्न संगीत की प्रतिस्पर्धाएं हुई। इसके अतिरिक्त प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता, निबंध प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। सभी प्रतियोगिताओं में विद्यार्थियों ने पूरे उत्साह के साथ बढ़ चढ़ के हिस्सा लिया।

तीन दिवसीय आयोजन में खेल कौशल, सांस्कृतिक विविधता और छात्रों के उत्साह की जीवंत भावना का उत्सव मनाया। इसमें 400 से अधिक प्रतिभागियों ने विभिन्न गतिविधियों में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। सृजन 2025 ने विभिन्न पृष्ठभूमियों से आए छात्रों को खेल और एथलेटिक आयोजनों में भाग लेने के लिए एक साथ लाकर, टीम वर्क, दृढ़ संकल्प और खेल भावना के मूल्यों को प्रोत्साहित किया।

टीम खेलों ने दर्शकों को रोमांचित किया, जिनमें वॉलीबॉल, बास्केटबॉल, क्रिकेट (लेदर बॉल), कबड्डी और फुटबॉल की प्रतियोगिताएं शामिल थीं। इसके अलावा, इनडोर खेलों में शतरंज, टेबल टेनिस और बैडमिंटन में प्रतिभागियों ने अपनी रणनीतिक कौशल का परीक्षण किया। एक विशेष 5-सर्किट फिटनेस चैलेंज ने शक्ति और सहनशक्ति का भी बेहतरीन प्रदर्शन किया। एथलेटिक उत्कृष्टता का भी बेहतरीन प्रदर्शन हुआ जिसमें 100-मीटर और 200-मीटर दौड़, लंबी कूद, गोला फेंक और भाला फेंक जैसे कार्यक्रम शामिल थे।

इस तीन दिवसीय कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण कवि सम्मेलन था जिसमें राजस्थान और उज्जैन के नामी कवियों ने शिरकत की और अपनी बेहतररिन प्रस्तुतियों से सभी दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कवि रमेश की करुण गीतों ने मार्मिक संवेदनाओ को चरम पर पहुंचाया तो वहीँ दूसरी और कवियत्री निशा के श्रृंगार रस ने सबको मोहित कर दिया। कवि दिनेश के हास्य रस ने तो खूब समां बांधा और वहीँ सोहन के राजस्थानी काव्य ने सबको संस्कृति और अपनी मिटटी से बांधे रखा।

सृजन उत्सव के दौरान पतंगोत्सव का भी आयोजान किया गया जिसमें सभी ने उत्साह पूर्वक भाग लिया। सृजन उत्सव का समापन भव्य सांस्कृतिक संध्या से हुआ जिसमें सांस्कृतिक समिति अध्यक्ष ने त्रिदिवसीय गतिविधियों का प्रतिवेदन पढ़ा।

कार्यक्रम में रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतिओं के उपरांत राजस्थान लोक कला प्रमुख अशोक शर्मा, राम विलास जांगीड(उद्धोषक) प्रधानाचार्य उमावि छातडी, मनोज सिन्हा,प्रसिद्ध बांसुरी वादक, करूणा वर्मा व अन्य कलाकारों द्वारा राजस्थानी भवाई, कच्ची घोड़ी , घूमर, कालबेलिया तथा चरी नृत्य का भव्य प्रस्तुतीकरण किया गया।

कुलपति आनंद भालेराव के सान्निध्य और मार्गदर्शन में सृजन 2025 का संयोजन सांस्कृतिक समिति अध्यक्ष डॉ हेमलता मंगलानी तथा खेलकूद समिति अध्यक्ष डॉ संजय गर्ग द्वारा किया गया।