नकली सलाइन चढ़ाने से एक महिला की मौत
कोलकाता। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पिछले सप्ताह सरकारी अस्पताल में कथित तौर पर नकली सलाइन चढ़ाने से एक महिला की मौत पर गुरुवार को पश्चिम बंगाल सरकार को कड़ी फटकार लगाई।
मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगनम और न्यायमूर्ति हिरणमय भट्टाचार्य की पीठ ने संबंधित मामले में दायर जनहित याचिका पर फैसला सुनाते हुए राज्य सरकार को शोक संतप्त परिवार को सहायता राशि देने का निर्देश भी दिया तथा स्वास्थ्य विभाग से घटना की समय-सीमा तथा दवा दिए जाने वालों के नामों के संबंध में विस्तृत रिपोर्ट मांगी।
राज्य के मेदिनीपुर अस्पताल में कथित तौर पर नकली सलाइन चढ़ाने के बाद चार अन्य गर्भवती महिलाओं को भी गहन चिकित्सा इकाई में भर्ती कराया गया था। उनमें से तीन को एसएसकेएम अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया और आईसीयू में भर्ती कराया गया।
याचिकाकर्ताओं के वकील ने बताया कि 22 मार्च-2024 को कर्नाटक सरकार ने दूषित सलाइन की आपूर्ति करने वाली एक कंपनी को ब्लैकलिस्ट कर दिया था और पश्चिम बंगाल सरकार को सूचित करते हुए उस कंपनी को उस राज्य में इसकी आपूर्ति करने पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बावजूद बंगाल सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की और सरकारी अस्पतालों के लिए सलाइन की आपूर्ति के लिए ब्लैक लिस्टेड (काली सूची वाली कंपनी) कंपनी को ऑर्डर दे दिया।