जयपुर। राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में इस वर्ष गणतंत दिवस के अवसर पर दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किला प्रांगण में आयोजित होने वाले भारत पर्व-2025 में राजस्थान की झांकी ‘सोणो राजस्थान’ भी मुख्य परेड में निकलने वाली झांकियों के साथ ही शामिल होंगी और जन आकर्षण का केंद्र बनेगी।
आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को बताया कि इस वर्ष गणतंत्र दिवस परेड में विभिन्न राज्यों सहित केन्द्रीय मंत्रालयों की 31 झांकियां शामिल होंगी, जबकि लाल किला प्रांगण में 26 से 31 जनवरी तक आयोजित होने वाले भारत पर्व- 2025 में मुख्य परेड में शामिल झाँकियों सहित विभिन्न राज्यों की 43 झांकियां भाग लेंगी।
सूत्रों ने बताया कि हालांकि इस बार राजस्थान की झाँकी गणतंत दिवस की परेड में कर्तव्य पथ से निकलने वाली चुनिंदा झांकियों में तो शामिल नहीं होंगी, लेकिन दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किला प्रांगण में आयोजित होने वाले भारत पर्व-2025 में राजस्थान की झांकी ‘सोणो राजस्थान’ भी मुख्य परेड में निकलने वाली झांकियों के साथ ही शामिल होंगी और जन आकर्षण का केंद्र बनेगी।
इस झांकी में विरासत और विकास का सुन्दर मिश्रण किया गया हैं। यह झांकी विकसित भारत की संकल्पना लिए राजस्थान के समृद्ध इतिहास, संस्कृति और स्थापत्य परंपरा के साथ ही राज्य के नवीन निर्माण की एक सुंदर झांकी है।
झांकी के नोडल अधिकारी राजस्थान ललित कला अकादमी के डॉ. रजनीश हर्ष ने पत्रकारों को बताया कि यह सुन्दर झांकी राजस्थान की उत्सवधर्मी संस्कृति, स्थापत्य परंपरा और हस्तशिल्प का सुंदर मिश्रण हैं। इस बार भी झाँकी का डिजाइन सिद्धहस्त कलाकार हरशिव शर्मा द्वारा सुंदर तरीके से किया गया है।
इस अदभुत झांकी के अग्रभाग में राजस्थान के पारंपरिक पर्व तीज की सुप्रसिद्ध सवारी के मनोहारी दृश्य को शामिल किया गया है, जबकि पिछले भाग में शेखावाटी की प्राचीन और दुर्लभ हवेलियों की समृद्ध विरासत को दर्शाया गया है।
झांकी के नीचे के पैनल में इन हवेलियों में बने हुए पुराने भित्ति चित्र और विभिन्न प्रकार के भित्ति की डिजाइन का दिग्दर्शन किया गया हैं साथ ही झांकी में राजस्थान सरकार द्वारा जल संरक्षण और सौर ऊर्जा के क्षेत्र में किए गए विकास कार्यों की झलक को भी शामिल किया गया हैं।