मुंबई। महाराष्ट्र में मुंबई की एक विशेष पॉक्सो (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण) अदालत ने घटना के संबंध में पीड़िता का बयान ‘अतिरंजित’ बताते हुए शादी का झांसा देकर नशे की आदी एक किशोरी से दुष्कर्म करने के आरोपी 31 वर्षीय व्यक्ति को बरी कर दिया है। एक वकील ने शनिवार को यह जानकारी दी।
सत्रह वर्षीय किशोरी ने अपने बयान में आरोप लगाया कि चार मई 2020 को आरोपी उसे एक लॉज में ले गया जहां उसने यौन संबंध बनाए और उसके बाद कई बार इस कृत्य को दोहराया। सितंबर 2020 में लड़की के लापता होने के बाद किशोरी की मां ने गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई, हालांकि बाद में पता चला कि वह लखनऊ में अपने दादा-दादी के घर गई थी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक जब लड़की दोबारा अपनी मां से मिली तो वह नशे की हालत में थी। अभियोजन पक्ष ने कहा कि किशोरी ने आखिरकार अपनी आपबीती सुनाई और खुलासा किया कि जब वह नशीले पदार्थों के प्रभाव में थी तो आरोपी ने उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया था। इसके बाद किशोरी की मां ने दो अक्टूबर को डोंगरी थाने में दुष्कर्म की शिकायत दर्ज कराई।
बचाव पक्ष की वकील मुनीरा पालनपुरवाला ने दलील दी कि महिला (लड़की की मां) नशीली दवाओं का कारोबार करती थी और लड़की उसके माध्यम से आरोपी से मिली थी। वकील ने दावा किया कि किशोरी पहले से ही नशीले पदार्थों का आदी थी और उसे पुनर्वास के लिए भी भेजा गया था। विशेष अदालत ने लड़की की गवाही को भी सुसंगत नहीं होने के वजह से अतिरंजित और अविश्वसनीय पाया।