महाकुंभनगर। दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महाकुंभ में महत्वपूर्ण मौनी अमावस्या के अमृत स्नान(शाही स्नान) पर्व पर दाेपहर 12 बजे तक चार करोड़ 24 लाख लाेग अमृत योग के दुर्लभ संयोग पर आस्था की डुबकी लगा चुके थे जिन्हे मिला कर अब तक महाकुंभ में 19 करोड़ 94 लाख श्रद्धालु पवित्र डुबकी लगा चुके हैं।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बुधवार को माघ महीने का सबसे बड़ा स्नान पर्व मौनी अमावस्या है। स्नान का क्रम मध्यरात्रि से अनवरत जारी है। अभी तक 4.24 करोड़ श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। सुबह मौसम में नमी रही लेकिन बाद में धूप खिलने से स्नान करने वाले श्रद्धालुओं के चेहरे खिल गए।
वैदिक शोध संस्थान एवं कर्मकाण्ड प्रशिक्षण केन्द्र के पूर्व आचार्य डा आत्माराम गौतम ने बताया कि मौनी अमावस्या पर अमृत योग का दुर्लभ संयोग बन रहा है। पवित्र बेला में मौन रहकर स्नान करने से श्रद्धालुओं को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 28 जनवरी कि शाम 7 बजकर दस मिनट से लगाकर 29 जनवरी की शाम छह बजकर 27 मिनट तक रहेगी। सूर्य, चंद्र एवं बुध मकर राशि में संचरण करेंगे। वृष राषि में बृहस्पति रहेंगे इससे अमृत योग बनेगा। सुबह 8 बज कर 40 मिनट से श्रवण नक्षत्र लग चुका है जो अत्यंत ही कल्याकारी है।
महाकुंभ में सबसे महत्वपूर्ण मौनी अमावस्या है जिसमें अमृत प्राप्ति के लिए श्रद्धालु त्रिवेणी में स्नान करते हैं। उसी स्नान पर्व पर इस बार वृष राशि में वृहस्पति का संचरण होने से अमृत योग का संयोग बनना अत्यंत दुर्लभ है। स्नान करते समय मौन रहना आवश्यक होता है। उन्होंने बताया कि इस अवसर पर पितरों को तर्पण एवं पिंडदान भी किया जाता है।
मेला प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे अन्य घाटों पर स्नान करें। किला घाट और संगम नोज एरिया को खाली करवा लिया गया है, जबकि अरैल घाट एरिया भी खाली कराया गया है। यह कदम सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखने के लिए उठाया गया है, ताकि महाकुंभ में श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो और दुर्घटनाओं से बचा जा सके। प्रशासन ने श्रद्धालुओं से संयम बरतने की भी अपील की है।
प्रयागराज महाकुंभ में आज दूसरा अमृत स्नान संपन्न हो रहा है, जिसमें अब तक 4.24 करोड़ श्रद्धालु पुण्य की डुबकी लगा चुके हैं, जिनमें 10 लाख कल्पवासी भी शामिल हैं। अब तक कुल 20 करोड़ से अधिक श्रद्धालु महाकुंभ में स्नान कर चुके हैं।