नई दिल्ली। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बजट 2025-26 को आर्थिक क्षेत्र में सरकार के वैचारिक दिवालियापन की संज्ञा देेते हुए शनिवार को कहा कि बजट प्रस्तावों में अर्थव्यवसथा में सुधार के लिए कोई ठोस बात नहीं है। उन्होंने इस बजट को गोली के घाव को मरहम से ठीक करने जैसा प्रयास करार दिया है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट भाषण में कुछ भी नया नहीं था और बजट में तबाह हो रही अर्थव्यवस्था को संभालने के कोई प्रयास नहीं किए गये हैं। इसमें जो कुछ भी कदम उठाने की कोशिश हुई है, वह गोली के घाव पर मरहम लगाने जैसा है।
गांधी ने अपनी बजट प्रतिक्रिया में कहा कि गोली के घावों के लिए एक बैंडेज-सहायता। वैश्विक अनिश्चितता के बीच, हमारे आर्थिक संकट को हल करने के लिए एक आदर्श बदलाव की आवश्यकता है, लेकिन यह सरकार विचारों से दिवालिया है।
बजट का हर आंकड़ा झूठा : अखिलेश यादव
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि जो सरकार सुरक्षित महाकुंभ नहीं करा सकती, उसके बजट का हर आंकड़ा झूठा है। यादव ने संसद परिसर में बजट पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि हमारे लिए बजट जरूरी नहीं, बल्कि महाकुंभ में हुई मौतों का आंकड़ा जानना जरूरी है। उन्होंने कहा कि हम बजट के आंकड़ों का क्या करेंगे, हमें कुंभ में हुई मौतों का आंकड़ा चाहिएये। वहां अब भी लोग अपनों की तस्वीर लेकर उनकी तलाश में भटक रहे हैं।
उन्होंने कहा कि प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में बुधवार को श्रद्धालुओं की मौत के जो आंकड़े बताए जा रहे हैं, वे झूठे हैं। जिस सरकार को 17 घंटे लग गए यह बताने के लिए कि वहां भगदड़ हुई है, जानें गई हैं। महाकुंभ में हजारों सीसीटीवी कैमरे हैं, ड्रोन हैं। क्या सरकार के पास लोगों के आंकड़े नहीं है।
समाजवादी पार्टी के नेता ने कहा कि जो सरकार हिन्दुओं के सबसे बड़े महाकुंभ का समुचित आयोजन नहीं कर पा रही है वह दुनिया में क्या अर्थव्यवस्था को खड़ा कर पायेंगे। वह बात करते हैं, विकसित भारत की, क्या विकसित भारत की यही परिभाषा है कि आप लोगों को सुरक्षित स्नान भी न करा पाएं।
उन्होंने कहा कि क्या विकसित भारत की यही परिभाषा है कि शंकराचार्य कह रहे हैं कि आपका मुख्यमंत्री झूठा है। कुछ लोग खुलकर कह रहे हैं और जितने भी वहां साधु-संत और शंकराचार्य आए हैं, वे भी कह रहे हैं कि इससे बुरा महाकुंभ नहीं हो सकता था। वहां लोगों की लाशें पड़ी थीं, उस वक्त सरकार वहां फूल बरसा रही थी। क्या मरने वालों पर फूल डाले जा रहे थे या श्रद्धा के साथ आए थे, उन पर फूल बरसाये जा रहे थे।
यादव ने कहा कि यह सरकार झूठी है, जो एक महाकुंभ नहीं करा सकती, उसका हर आंकड़ा आज के बजट में झूठा है। जो मरने वालों का आंकड़ा न दे पाए, हम बजट के आंकड़ों का क्या करेंगे, वो मरने वालों का आंकड़ा नहीं दे पा रहे, खोये हुए लोगों का आंकड़ा नहीं दे रहे।
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