उदयपुर। राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा कि तकनीकी एवं प्रौद्योगिकी के नवाचारों के माध्यम से राज्य विधानसभा को देश की एक श्रेष्ठ विधानसभा बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
देवनानी ने अपने उदयपुर प्रवास के दौरान मंगलवार को सर्किट हाउस में मीडिया के साथ चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में जारी विधानसभा सत्र के दौरान इन नवाचारों का सकारात्मक असर देखने को मिला है। अगले सत्र से विधानसभा के कामकाज पूरी तरह पेपर लेस कर दिए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि विधानसभा की सभी 200 सीटों पर आईपैड टैबलेट लगाए गए हैं। सदस्यों को उनके उपयोग के बारे में विधिवत प्रशिक्षण दिया गया है। वर्तमान सत्र का अधिकांश कार्य इन्हीं के माध्यम से ऑनलाइन किया जा रहा है। सदन में 12 टेक्नीशियन तैनात किए गए हैं जो सदस्यों को किसी भी प्रकार की तकनीकी मदद के लिए तत्पर रहते हैं।
प्रयास किए जा रहे हैं कि सभी सदस्य ऑनलाइन कार्यप्रणाली में प्रवीण हो जाए एवं पूरा सदन पेपरलेस तरीके से चलने लगे। अभी तक की प्रगति को देखते हुए अगले सत्र में विधानसभा के कार्य शत प्रतिशत पेपरलेस हो जाने की उम्मीद है।
देवनानी ने कहा कि पेपरलेस व्यवस्था से सदस्यों को काफी सुविधा हो रही है एवं समय की बचत हो रही है। सदस्यों को अपने प्रश्नों के ऑनलाइन उत्तर मिल जाने से वे सीधे ही पूरक प्रश्न कर रहे हैं इससे विधानसभा की उत्पादकता में वृद्धि हो रही है। इसके अलावा सदस्यों को दो तीन दिन की बजाय उसी दिन शाम को कार्यवाही का फुटेज उपलब्ध करवाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि इस बात के पूरे प्रयास किया जा रहे हैं की विधानसभा सदस्यों द्वारा पटल पर रखे गए सभी प्रश्नों के उत्तर समय पर मिल सके। उच्चाधिकारियों को इस बात से अवगत कराने के पश्चात पूर्ववर्ती विधानसभाओं के अनुत्तरित पांच हजार प्रश्नों में से अब सिर्फ बारह सौ प्रश्नों के उत्तर आना बाकी रह गए हैं।
पिछले बजट में पटल पर रखे गए दस हजार में से नौ हजार दो सौ पचास प्रश्नों के उत्तर प्राप्त हुए जो कि लगभग 92 प्रतिशत हैं। जल्द ही यह आंकड़ा 95ः तक पहुंच जाएगा। अब ध्यान आकर्षण प्रस्ताव एवं याचिका आदि के उत्तर भी प्राप्त होने लगे हैं।
देवनानी ने कहा कि विधानसभा अपनी परंपरा नियम एवं सिद्धांतों से चलेगी। इसके सुचारू संचालन के लिए सत्र से पूर्व सर्वदलीय बैठक के परिणाम भी सकारात्मक प्राप्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि नियमों के तहत सभी सदस्यों को अपनी बात रखने का अधिकार है जिससे जनता के मुद्दों को पूरी संवेदनशीलता के साथ पटल पर रखा जा रहा है। सदन में अनुशासन बनाए रखना अति महत्वपूर्ण है, अतः हल्के आचरण करने वाले सदस्यों पर पहले भी कड़ी कार्रवाई की गई थी और आगे भी ऐसा करने वालों को के विरुद्ध नियमानुसार सख्त कदम उठाए जाएंगे।