विधानसभा में नई व्यवस्था का विरोध करना समझ से परे : डोटासरा

जयपुर। राजस्थान के कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष एवं विधायक गोविंद सिंह डोटासरा ने लोकसभा और राज्यसभा की तर्ज पर राजस्थान विधानसभा में लागू की गई मंत्री का जवाब पढ़ा हुआ मान लिया जाए व्यवस्था को विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी की सराहनीय पहल बताते हुए कहा है कि इससे प्रदेश के और अधिक मुद्दों पर सदन में चर्चा हो सकेगी लेकिन सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी इस व्यवस्था का विरोध कर रही है जो समझ से परे है।

डोटासरा ने गुरुवार को यहां अपने बयान में यह बात कही। उन्होंने कहा कि बेशक राजनीति हो लेकिन उसमे प्रदेश की जनता का हित और समस्याओं का समाधान सभी दलों एवं सदस्यों की प्राथमिकता होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि विधासनभा में पूर्व की व्यवस्था में प्रश्नकर्ता को नियत दिवस के तारांकित प्रश्नों के उत्तर का जवाब देर रात मिलता था। सभी प्रश्नों के उत्तर का एक सेट हां पक्ष लॉबी और एक सेट ना पक्ष लॉबी में पढ़ने के लिए सुबह साढ़े दस बजे रखा जाता था। जबकि वर्तमान व्यवस्था में हर प्रश्न का उत्तर सभी सदस्यों को टेबल पर लगे टैबलेट में मिलता है, जिससे सभी प्रश्नों के उत्तर कोई भी सदस्य पढ़कर पूरक प्रश्न कर सकता है।साथ ही सभी प्रश्नों के उत्तर मीडिया और पब्लिक डोमेन में आ जाते हैं।

उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष द्वारा दी गई वर्तमान व्यवस्था में कार्यवाही के दौरान सदन का हर सदस्य सभी सूचीबद्ध प्रश्नों के उत्तर टैबलेट पर आसानी से पढ़ सकता है। देवनानी द्वारा लोकसभा और राज्यसभा की तर्ज पर राजस्थान विधानसभा में लागू की गई है यह व्यवस्था कि मंत्री का जवाब पढ़ा हुआ मान लिया जाए और जिससे प्रदेश के ज्यादा से ज्यादा मुद्दों पर चर्चा सदन में हो सके, सराहनीय पहल है। लेकिन सत्ता में बैठी भाजपा इस व्यवस्था से घबराकर इसका विरोध कर रही है।

सदन में संसदीय मंत्री एवं अन्य मंत्रियों द्वारा इस व्यवस्था का विरोध करना समझ से परे है। डोटासरा ने कहा कि क्या भाजपा सरकार नहीं चाहती कि जनता के मुद्दे सदन में आए या इनका उद्देश्य सिर्फ आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति करना है।