अजमेर। राजस्थान केन्द्रीय विश्वविद्यालय ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग (ODL) कार्यक्रमों की शुरुआत इस वर्ष से की है। यह पहल उन विद्यार्थियों के लिए एक सुनहरा अवसर प्रदान करती है, जो किसी कारणवश नियमित पाठ्यक्रमों में हिस्सा लेने में असमर्थ हैं।
विश्वविद्यालय का यह प्रयास शिक्षा को सुलभ और समावेशी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। ओपन डिस्टेंस लर्निंग और ओपन प्रोग्राम उन छात्रों को शिक्षा का अवसर प्रदान करेगा, जो विभिन्न कारणों से पारंपरिक शिक्षा प्राप्त करने में सक्षम नहीं है। यह उन्हें आवश्यक ज्ञान और कौशल से सशक्त बनाएगा जिससे वे अपने अकादमिक और व्यावसायिक लक्ष्यों को प्राप्त कर सकें।
इसी के चलते राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय अपने शैक्षणिक दायरे का विस्तार करते हुए ओपन डिस्टेंस लर्निंग (ODL) और ओपन प्रोग्राम (OP) केंद्र स्थापित करने जा रहा है। इस पहल का उद्देश्य उन व्यक्तियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है जो पारंपरिक शैक्षणिक कार्यक्रमों को जारी नहीं रख सकते। यह लचीले शिक्षण अवसर प्रदान कर शैक्षणिक समावेशन को बढ़ावा देने की दिशा में राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो आनंद भालेराव ने बताया कि ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग (ODL) कार्यक्रमों के लिए हम राजस्थान में विभिन्न स्थानों पर लर्निंग सेंटर स्थापित करेंगे जिसके लिए इच्छुक उच्च शिक्षण संस्थान जिनके पास अनुभव और आवश्यक बुनियादी ढांचा हो वो अपनी अभिरुचि बता सकते हैं। इस तरह के लर्निंग सेंटर भौगोलिक बाधाओं का सामना कर रहे छात्रों को शिक्षा से जोड़ने में सहायक होंगे।यह पहल संस्थागत सहयोग को बढ़ावा देने और ओपन एवं डिस्टेंस लर्निंग मोड के माध्यम से उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को सुदृढ़ करने के लिए तैयार की गई है।
भालेराव ने बताया कि हाल ही में शिक्षा मंत्रालय ने उच्च शिक्षा में डिजिटलीकरण को बढ़ावा देते हुए इसे समाज की आवश्यकताओं के अनुरूप समृद्ध बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल की है जिसके चलते ओपन डिस्टेंस लर्निंग (ODL) प्रोग्राम्स को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस कदम का उद्देश्य ग्रॉस एनरोलमेंट रेशियो (GER) को वर्तमान में 28.26% से बढ़ाकर वर्ष 2050 तक 50% तक ले जाना है, ताकि उच्च शिक्षा साक्षरता में उल्लेखनीय वृद्धि हो सके।
उन्होंने आगे बताया कि जो भी लर्निंग सेंटर राजस्थान में बनाए जाएंगे और उन्हें कुछ पात्रता मानदंड पूरे करने होंगे ताकि शिक्षा कि गुणवत्ता में कमी न हो। जैसे लर्निंग सेंटर को ओपन डिस्टेंस लर्निंग (ODL) मोड के लिए स्व-अध्ययन सामग्री (SLM) विकसित करनी होगी, कम से कम 60% SLM विश्वविद्यालय के आंतरिक संकाय द्वारा विकसित करना होगा और स्व-अध्ययन सामग्री ऐसी हो जो स्वयं स्पष्ट हो।
ऑनलाइन मोड के लिए पात्रता मानदंड में शामिल होंगे यूजीसी (UGC) विनियमों के अनुसार फोर-क्वाड्रेंट अप्रोच (Four-Quadrant) का पालन किया जाना, ऑनलाइन कार्यक्रमों को विकसित करने के लिए आवश्यक तकनीकी क्षमता व स्वीकृत प्लेटफार्मों जैसे SWAYAM के माध्यम से ऑनलाइन कार्यक्रम प्रदान किए जाना। प्रवेश, परीक्षा और शिक्षार्थी सहायता सेवाओं के संबंध में यूजीसी (UGC) मानकों का पालन करना अनिवार्य होगा। पारदर्शी प्रवेश प्रक्रिया सुनिश्चित करनी होगी और उचित दस्तावेजों का रख -रखाव करना होगा।
अधिक जानकारी के लिए केंद्रीय राजस्थान विश्वविद्यालय के प्रशासनिक कार्यालय से संपर्क कर सकते है या आधिकारिक वेबसाइट www.curaj.ac.in देख सकते हैं।