श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में एक अदालत ने सार्वजनिक रूप से शराब पीते पकड़े गए व्यक्ति को तीन दिन की सामुदायिक सेवा की सजा पहली बार सुनाई है।
आरोपी की पहचान श्रीनगर निवासी मोहम्मद शफी नजर के रूप में हुई है। वह भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 355 का उल्लंघन करते हुए नशे में धुत पाया गया और उपद्रव कर रहा था।
अदालत ने मामले की समीक्षा करने के बाद फैसला सुनाया कि पारंपरिक दंड लगाने के बजाय अपराधी को भगत बरज़ुल्ला में सार्वजनिक भवनों, क्षेत्रों, स्थानों पर सफाई और स्वच्छता की तीन दिवसीय सामुदायिक सेवा करनी चाहिए।
आरोपी को स्थानीय मोहल्ला अध्यक्ष और संबंधित स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) को अपनी गतिविधियों की रिपोर्ट देनी होगी जो फिर अदालत को अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। श्रीनगर पुलिस ने कहा कि यह निर्णय दंडात्मक उपायों के बजाय सुधारात्मक उपायों के माध्यम से छोटे अपराधों से निपटने में एक सकारात्मक मिसाल कायम करता है।
पुलिस ने कहा कि नए आपराधिक कानून इस बात पर जोर देते हैं कि इस तरह के वैकल्पिक दंड महज सजा के बजाय पुनर्वास उपाय के रूप में काम करते हैं जिसका उद्देश्य व्यवहार में सुधार लाना और सामाजिक जवाबदेही पैदा करना है।