अयोध्या/लखनऊ। श्री रामजन्मभूमि मन्दिर के मुख्य पुजारी सत्येन्द्रदास का बुधवार को यहां एक अस्पताल में निधन हो गया। वह करीब 87 वर्ष के थे। आचार्य दास को पिछले दिनों ब्रेन हैम्ब्रेज के चलते एसजीपीजीआई में भर्ती कराया गया था जहां आज सुबह करीब सात बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दास के निधन पर शोक प्रकट किया है। उन्होने एक्स पर पोस्ट किया कि परम रामभक्त, श्री राम जन्मभूमि मंदिर, श्री अयोध्या धाम के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र कुमार दास जी महाराज का निधन अत्यंत दुःखद एवं आध्यात्मिक जगत की अपूरणीय क्षति है। विनम्र श्रद्धांजलि। प्रभु श्रीराम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दे तथा शोक संतप्त शिष्यों एवं अनुयायियों को यह अथाह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें। ॐ शांति।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र संवाद केन्द्र अयोध्या धाम के एक बयान जारी कर महंत के निधन की जानकारी साझा की। उन्होने कहा कि अयोध्या धाम के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र कुमार दास जी महाराज का साकेतवास हो गया, आज माघ पूर्णिमा के पवित्र दिन प्रातः सात बजे के लगभग उन्होंने पीजीआई लखनऊ में अंतिम सांस ली, वे वर्ष 1993 से श्री रामलला की सेवा पूजा कर रहे थे।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चम्पत राय व मन्दिर व्यवस्था से जुड़े अन्य लोगों ने मुख्य अर्चक के देहावसान पर गहरी संवेदना व्यक्त की है।
संत समाज में छायी शोक की लहर
श्रीरामजन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास का साकेतवास होने से अयोध्या में शोक की लहर छा गई। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट सहित अयोध्या धाम के संत धर्माचार्यों ने उनके निधन को अपूर्णनीय क्षति बताया और कहा कि पुजारी जी ने लगभग बत्तीस वर्ष सेवाकाल में अनेक उतार-चढ़ाव देखे। प्रशासनिक व्यवस्था में मंदिर के अर्चक होने के कारण भी सहयोगी बने रहे।
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं मणिरामदास छावनी के महंत नृत्यगोपाल दास महाराज ने सत्येन्द्र दास के निधन पर कहा कि यह नश्वर संसार है। सभी को एक दिन मुक्त होना है। उन्होंने कहा कि धार्मिक जीवन मूल्यों के प्रति संवेदनशील सतपुरुष की मृत्यु नहीं होती। उसके द्वारा किए गए सत्कार्य उसे चिरकाल तक समाज के मस्तिष्क पर जीवंत रखते हैं।
उन्होंने कहा कि सत्येन्द्र दास जी संत परम्परा का सदैव ध्यान रखा। 1992 में श्रीरामलला के मुख्य अर्चक का दायित्व ग्रहण कर अपनी निष्ठा समर्पित करके उनका साकेत गमन हम सभी के लिए पीड़ादायी है।
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य एवं महंत दिनेन्द्र दास ने कहा सत्येन्द्र दास जी हमारे पड़ोसी रहे हैं। मंदिर की पूजन व्यवस्था के प्रति वह अपने कार्यकाल में सदैव संवेदनशील रहे। उन्होंने कहा तीस या इकतिस वर्षों में वह हिन्दू, मुस्लिम समन्वय की चर्चा के केन्द्र बिंदु बनते रहे। आज वह साकेतवासी हो गए जिसके कारण अपार दुख हुआ है। श्रीरामलला उन्हें अपने चरणों में स्थान प्रदान करें।
विश्व हिन्दू परिषद के मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने कहा कि आचार्य सत्येन्द्र दास के निधन से धार्मिक जगत को अपूर्णीय छति पहुंची है। उन्होंने 1990 के पूर्व मंदिर आंदोलन में सहयोगी रहे। 1992 में प्रशासन द्वारा मंदिर के मुख्य पुजारी नियुक्त होने के पश्चात वह मंदिर व्यवस्था के अंग बनकर सेवारत हो गए। उनके निधन से अपार दुख पहुंचा है। श्रीरामलला उन्हें सद्गति प्रदान करें।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जताया शोक
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अयोध्याधाम में रामजन्मभूमि मन्दिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्रदास जी महाराज के निधन पर बुधवार को गहरा दु:ख प्रकट किया और सामाजिक तथा आध्यात्मिक क्षेत्र में उनके ‘अमूल्य योगदान’ का स्मरण किया। मोदी ने शोक संदेश में पुजारी सत्येन्द्रदास जी के अनुयायियों और परिजनों के प्रति संवेदना भी जताई है।
विदेश यात्रा कर रहे मोदी ने आज सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी महंत सत्येन्द्रदास जी के देहावसान से अत्यंत दुख हुआ है। धार्मिक अनुष्ठानों और शास्त्रों के ज्ञाता रहे महंत जी का पूरा जीवन भगवान श्री राम की सेवा में समर्पित रहा। देश के आध्यात्मिक और सामाजिक जीवन में उनके अमूल्य योगदान को हमेशा श्रद्धापूर्वक स्मरण किया जाएगा। ईश्वर से प्रार्थना है कि शोक की इस घड़ी में उनके परिजनों और अनुयायियों को संबल प्रदान करे। ओम शांति!