जोधपुर। केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के फोन टैपिंग बयान पर पलटवार करते हुए कहा है कि जिन लोगों ने इस तरह के काम किए, वो दूसरों की तरफ दृष्टि उठाकर देखें, उन्हें इस संबंध में चर्चा करने का नैतिक अधिकार नहीं हैं।
शेखावत शुक्रवार को यहां अपने निवास पर मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में फोन टैपिंग पर गहलोत के बयान से संबंधित सवाल पर यह बात कही। उन्होंने कहा कि गहलोत साहब के जमाने में जिस तरह से फोन टैपिंग हुई, यह मैं कहता या आरोप-प्रत्यारोप लगाता, वो ठीक नहीं था लेकिन उनके ओएसडी रहे लोकेश शर्मा ने दिल्ली न्यायालय में शपथपूर्वक बयान रजिस्टर्ड कराकर कहा है कि फोन टैपिंग हुई है। फोन टैपिंग के बाद मुख्यमंत्री ने खुद उस टैप को अवैध तरीके से हासिल कर लीक करने के लिए कहा। जिन लोगों ने इस तरह के पाप किए हैं, वो दूसरों की तरफ दृष्टि उठाकर देखें, उनका ये अधिकार नहीं है।
महाकुंभ को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बयान और कांग्रेसी नेताओं के संगम में डुबकी लगाने के सवाल पर शेखावत ने कहा कि यह कांग्रेस का चरित्र है। किसी भी विषय पर इस तरह की प्रतिक्रियाएं करना और बाद में उससे भाग जाना। उन्होंने स्मरण कराते हुए कहा कि कोविड के समय में वैक्सीन जब बनी थी। यही कांग्रेसी थे। इनके नेता सहित ये सब कह रहे थे कि ये भारतीय जनता पार्टी की वैक्सीन है। ये विश्वास योग्य वैक्सीन नहीं है। वैक्सीन का कोई क्लिनिकल ट्रायल नहीं हुआ है। फिर अंधेरी रात में जाकर इन सबने वैक्सीन लगाई है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेसियों के सोशल मीडिया हैंडल देख लीजिए, वैक्सीन लगवाते फोटो नहीं मिलेगा, क्योंकि इन्होंने पाप किया था और फिर अपने पाप से मुंह छिपाने के लिए वो अंधेरी रात में जाकर वैक्सीन लगवाते थे। जीवन का खतरा था लेकिन राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को पूर्ति करने के लिए उन्होंने गैर जिम्मेदाराना बयान दिए।
उन्होंने कहा कि कुंभ में लोग अपनी आस्था के साथ में पाप का शमन करने के लिए जाते हैं और कुंभ पर प्रश्न करने वाले लोगों को तो शायद उनके पापों के वैतरणी को पार करने का कोई अवसर भी नहीं मिलेगा। राजस्थान के आगामी बजट पर शेखावत ने कहा कि निश्चित रूप से यह ऐतिहासिक होगा। पिछले वर्ष जिस तरह से हर विधानसभा क्षेत्र और हर वर्ग को छूते हुए सर्वसमावेशी बजट दिया गया था, उसी अनुक्रम में इस बार भी राजस्थान को ग्रोथ देने वाला बजट होगा।
वक्फ बोर्ड के कानून में बदलाव को लेकर संसद में हो रहे विरोध से जुड़े सवाल पर शेखावत ने कहा कि ऐसे लोग, जिन्होंने मजहब, समाज, संप्रदाय और सामूहिक संपत्ति को हड़पकर अपने व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए उपयोग किया हो, इसके अतिरिक्त कोई उसका विरोध नहीं कर रहा है। विरोध कर सामाजिक ताने-बाने को खराब करने का प्रयास किया जा रहा है।
ज्वाइंट पार्लियामेंट कमेटी ने रिपोर्ट दी है, वह किसी एक पार्टी की नहीं होती है। वह संसद का ही लघु रूप होता है। कमेटी ने पूरे विचार-विमर्श के बाद रिपोर्ट बनाई है। रिपोर्ट टेबल होगी और जब लोकसभा में पास होने का विषय आएगा, तब उस पर विचार-विमर्श होगा। उस समय सबके पास अपनी बात कहने का अधिकार होगा। अब लोकतांत्रिक व्यवस्था में हम किसी विषय को विमर्श के लिए भी नहीं चाहते, ऐसा कैसे हो सकता है।