मुंबई। बॉलीवुड में दिव्या भारती को एक ऐसी अभिनेत्री के तौर पर याद किया जाता है, जिन्होंने अपनी रूमानी अदाओं से दर्शकों के बीच बहुत कम समय में खास पहचान बनाई थी।
25 फरवरी 1974 को मुंबई में जन्मीं दिव्या भारती ने अपनी शुरुआती पढ़ाई मुंबई से की। वह बचपन से ही अभिनेत्री बनने का सपना देखती थीं, जिसे उन्होंने पूरा भी किया। वह अभिनय के पीछे इतनी पागल थीं कि उन्होंने इसके लिए अपनी पढ़ाई तक छोड़ दी। उन्होंने महज 16 साल की उम्र में ही अभिनय करना शुरू कर दिया था। इसके लिए दिव्या भारती ने नौवीं क्लास में ही पढ़ाई छोड़ दी थी।
वर्ष 1990 में दिव्या भारती ने डी रामानायडू की तेलुगू फिल्म ‘बोब्बिली राजा’ से अभिनय की दुनिया में कदम रखा था। यह फिल्म सुपरहिट साबित हुई, जिसने दक्षिण भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में दिव्या को ‘द लेडी ऑफ सुपरस्टार’ बना दिया था। इसके बाद अभिनेत्री ने दक्षिण भारत की कई फिल्मों में काम किया। दक्षिण भारत में उनकी लोकप्रियता आसमान छूने लगी थी। फिर, उन्होंने बॉलीवुड का रुख किया, जहां उन्होंने अपनी अदाकारी के झंडे गाड़े।
बॉलीवुड में दिव्या ने अपने करियर की शुरुआत वर्ष 1992 में प्रदर्शित राजीव राय की फिल्म विश्वात्मा से की। इस फिल्म मे दिव्या पर फिल्माया यह गाना सात समुंदर पार मैं तेरे पीछे पीछे आ गई…दर्शकों के बीच आज भी लोकप्रिय है। यही वह साल है, जब दिव्या की एक-एक कर दस फिल्में रिलीज हुईं। इनमें पहली फिल्म विश्वात्मा के अलावा शोला और शबनम, दिल का क्या कसूर, जान से प्यारा, दीवाना, बेवफा, दुश्मन जमाना, दिल आशना है, गीत और दिल ही तो है उल्लेखनीय फिल्में हैं। दीवाना के लिए दिव्या को फिल्म फेयर की ओर से फेस ऑफ द ईयर के अवॉर्ड से नवाजा गया।
वर्ष 1992 से वर्ष 1993 के बीच दिव्या ने बॉलीवुड की 14 फिल्मों में काम किया। वर्ष 1992 में दिव्या भारती ने जाने-माने फिल्मकार साजिद नाडियाडवाला के साथ शादी कर ली, लेकिन शादी के महज एक वर्ष के बाद पांच अप्रैल 1993 को दिव्या भारती की इमारत से गिरकर मौत हो गई। उस वक्त उनकी उम्र महज 19 साल थी।
हालांकि यह दिव्या की मौत भी आज तक रहस्यमयी रही, क्योंकि इतने सालों बाद भी यह नहीं पता चल सका कि यह दुर्घटना थी या सुसाइड या फिर मर्डर…। मौत के बाद दिव्या भारती की रंग और शतरंज प्रदर्शित हुई। फिल्म रंग टिकट खिड़की पर सुपरहिट साबित हुईं।