धनंजय मुंडे के करीबी वाल्मिक कराड को देशमुख हत्याकांड का मुख्य आरोपी बनाया

मुंबई। महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और वरिष्ठ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-अजीत पवार(राकांपा-एपी) नेता धनंजय मुंडे के करीबी दोस्त वाल्मिक कराड (54) को बीड के सरपंच संतोष देशमुख हत्याकांड और एक पवन चक्की कंपनी से दो करोड़ रुपएये की जबरन वसूली के मामले में मुख्य आरोपी बनाया गया है।

एक साधारण किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले वाल्मिक कराड मुंडे परिवार के संपर्क में आए और दूध और सब्जियां लाने जैसे घरेलू काम करके उनका विश्वास जीत लिया और 90 के दशक में कराड धीरे-धीरे भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता गोपीनाथ मुंडे (मुंडे बहनों-पंकजा, प्रीतम और यशश्री के पिता) और उनके भाई दिवंगत पंडित अन्ना मुंडे (धनंजय मुंडे के पिता) के करीब हो गए।

गोपीनाथ मुंडे के निधन के बाद कराड धनंजय के करीबी बन गए और उनके गृहनगर बीड में फैसले लेने लगे। कराड की पहचान मुंडे परिवार के करीबी सहयोगियों में से एक के रूप में थी और स्थानीय राजनीति में कई मुद्दों पर उनकी बात अंतिम होती थी।

मुंडे और कराड दोनों ही वंजारी-ओबीसी समुदाय से आते हैं। कराड को मस्साजोग के सरपंच संतोष देशमुख की सनसनीखेज हत्या और एक प्रमुख अक्षय ऊर्जा कंपनी अवाडा ग्रुप से दो करोड़ रुपये की बोली सहित जबरन वसूली रैकेट चलाने के मास्टरमाइंड के रूप में नामित किया गया है।

कराड परली तहसील के पंगरी गांव के एक साधारण गरीब किसान परिवार से हैं। अपनी बुनियादी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद वह 80 के दशक में बीड के परली शहर में चले गए जहां वे मुंडे परिवार के संपर्क में आए। भाजपा की युवा शाखा भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) की पहली इकाई वरिष्ठ मुंडे के नेतृत्व में कराड द्वारा परली में शुरू की गई थी।

1995 में वैद्यनाथ कॉलेज के निदेशक मंडल के चुनाव में अध्यक्ष पद के लिए आम बैठक में हाथापाई हुई और कथित तौर पर तत्कालीन पुलिस अधिकारी की बंदूक से गोली चल गई जो कराड के पैर में लगी जिससे मुंडे परिवार का उन पर भरोसा बढ़ गया।

कराड ने 2001 में परली नगर परिषद का चुनाव लड़ा और पार्षद तथा बाद में उप महापौर बने। जब धनंजय शरद पवार के नेतृत्व वाली अविभाजित राकांपा में शामिल हुए तो कराड भी उनके साथ हो लिए। 2023 में जब राकांपा का विभाजन हुआ तो उन्होंने अजित पवार के साथ रहना चुना।

पिछले एक दशक में जब मुंडे का जिले की राजनीति में दबदबा बढ़ा तो कराड की बात भी सम्मान पाने लगी। कराड पर बीड जिले में 10 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं जिनमें हत्या का प्रयास, जबरन वसूली, धोखाधड़ी, जालसाजी, दंगा, गैरकानूनी तरीके से इकट्ठा होना आदि शामिल हैं।