जयपुर। राजस्थान में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) में पदस्थापित पद अधीक्षण अभियन्ता-12 अविनाश शर्मा एवं अन्य के ठिकानों पर कार्रवाई की है।
ब्यूरो के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार संदिग्ध अधिकारी के जयपुर के विभिन्न ठिकानों एवं जेडीए कार्यालय में ब्यूरो की दर्जनभर टीमों द्वारा सर्च जारी है और संदिग्ध अधिकारी के मकान नम्बर 157 हिम्मत नगर, गोपालपुरा मोड जयपुर, कार्यालय अधीक्षण अभियन्ता जयपुर विकास प्राधिकरण एवं जयपुर विकास प्राधिकरण के विभिन्न जोन कार्यालय एवं प्लॉट नम्बर 10.21 किर्ती सागर, बदरवास जयपुर (श्री रघुराम ढाबा), प्लॉट नम्बर 58 इन्कम टैक्स कॉलोनी प्रथम जगतपुरा जयपुर, किंजल कॉलोनाईर्जस प्राईवेट लि, मैसर्स सेकर्ड कोलोनाईजर्स प्राइवेट लि एवं नीलकण्ठ रियल स्टेट प्राईवेट लि का कार्यालय पता 101 वास्तुश्री कॉलोनी, मांगियावास, जयपुर, सी-371 प्रधान मार्ग मालवीय नगर जयपुर, प्लॉट नम्बर 75 राठी नगर बदरवास जयपुर शामिल हैं।
सूत्रों एवं गोपनीय सत्यापन से संदिग्ध अधिकारी द्वारा राजकीय सेवा में नियुक्त होने से अब तक करीब 6.25 करोड रूपए की आय से अधिक परिसम्पत्तियां अर्जित करना सामने आया है जो इसकी आय से 253 प्रतिशत अधिक है।
संदिग्ध अधिकारी द्वारा जयपुर में प्रमुख स्थानों गोपालपुरा मोड, मानसरोवर, सांगानेर, पृथ्वीराज नगर क्षेत्र, जगगतपुरा, प्रतापनगर, एवं रिंग रोड के आस पास 25 से अधिक कॉलोनियों में 50 से अधिक परिसम्पत्तियां क्रय करने एवं निमार्ण में करोडो रूपए व्यय करना प्रकट हुआ।
संदिग्ध अधिकारी द्वारा जेडीए में पदस्थापन के दौरान भ्रष्टाचार करते हुए गृह निर्माण समितियों एवं बिल्डर्स को लाभ पहुंचाकर पारितोषण स्वरूप अथवा काफी कम दरों पर भूखण्ड अर्जित किये जिनकी खरीद के समय भी कुल कीमत करोड़ों रूपए थी। इसके एवं परिवारजनों के कुल सात बैंक खातों में करीब 30 लाख रूपए होना प्रकट हुआ। संदिग्ध अधिकारी की पुत्रियों की स्कूली शिक्षा, कोचिंग एवं उच्च शिक्षा मणिपाल युनिवर्सिटी, पूर्णिमा युनिवर्सिटी में करीब 50 लाख रूपए व्यय करना प्रकट हुआ।
म्यूचुअल फण्ड में करीब 90 लाख रूपए का निवेश किया जाना पाया गया। संदिग्ध अधिकारी द्वारा चौपहिया एवं दुपहिया वाहनों को क्रय करने एवं संचालन में करीब 25 लाख रूपए व्यय करना प्रकट हुआ।