RSS प्रचारक शंकर विनायक राव तत्ववादी का निधन, मोदी ने जताया शोक

नई दिल्ली/नागपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक डॉ. शंकर विनायक राव तत्ववादी का गुरुवार नागपुर में निधन हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है और उनके व्यक्तित्व और कृतीत्व को याद किया है।

शंकर राव ने 92 वर्ष की अवस्था में नागपुर में संघ के मुख्यालय में अंतिम सांस ली। अंतिम इच्छा के अनुसार पार्थिव देह को नागपुर के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान को सौंप दिया जाएगा।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘एक्स’ पर अपने शोक संदेश में लिखा कि शंकर राव तत्ववादी जी के निधन से बहुत दुःख हुआ। उन्हें राष्ट्र निर्माण और भारत के सांस्कृतिक उत्थान में उनके व्यापक योगदान के लिए याद किया जाएगा। उन्होंने खुद को आरएसएस के लिए समर्पित कर दिया और इसके वैश्विक प्रसार को आगे बढ़ाकर अपनी पहचान बनाई। वे एक प्रतिष्ठित विद्वान भी थे, जो हमेशा युवाओं में जिज्ञासा की भावना को प्रोत्साहित करते थे। छात्र और विद्वान बीएचयू के साथ उनके जुड़ाव को याद करते हैं। उनके विभिन्न जुनून में विज्ञान, संस्कृत और अध्यात्म शामिल थे।

प्रधानमंत्री ने लिखा कि मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं कि मुझे भारत और विदेशों में कई मौकों पर उनसे बातचीत करने का मौका मिला। उनकी वैचारिक स्पष्टता और काम करने की सावधानीपूर्वक शैली हमेशा सामने आई। ओम शांति।

संघ के प्रचार विभाग के मुताबिक नागपुर के निवासी शंकर तत्ववादी का जन्म 1933 में हुआ था और वह किशोरावस्था से संघ में सक्रिय थे। उन्होंने नागपुर विश्वविद्यालय से रसायन विज्ञान में परास्नातक और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। 1960 के दशक में उन्होंने टेक्सास विश्वविद्यालय, ऑस्टिन और कंसास विश्वविद्यालय में उच्च शिक्षा प्राप्त की।

वहां से लौटने के बाद डॉ. शंकरराव ने बीएचयू के फार्मेसी विभाग में पढ़ाना शुरू किया और समय के साथ विभागाध्यक्ष बने। उन्होंने 1992 में समय से पूर्व सेवानिवृत्ति ले ली लेकिन संध के कार्याें से अंत तक जुड़े रहे।