अजमेर। राम जानकी सत्संग परिवार की ओर से हनुमान जन्मोत्सव के उपलक्ष में 6 दिवसीय महा आयोजन नानी बाई का मायरा एवं रामायण परिक्रमा का सोमवार को भव्य कलश यात्रा के साथ शुभारंभ हुआ।
कथा व्यास उत्तमराम शास्त्री के मार्गदर्शन एवं प्रेरणा से सनातन संस्कृति के सबसे लोकप्रिय ग्रंथ रामायण की परिक्रमा कराने का मुख्य उद्देश्य भावी पीढ़ी की शास्त्रों के प्रति रूचि बढ़ाना एवं हर घर में रामायण का स्थान सुनिश्चित कराना है। भक्तजन व धर्मप्रेमी 7 अप्रैल से 12 अप्रैल तक सुबह 7 बजे से रात्रि 8 बजे तक 251 रामायण की परिक्रमा शांतिकुंज लोहाखान में कर सकेंगे।
प्रथम दिन की कथा में गुरुदेव ने बताया कि आहार की शुद्धता से विचारों की शुद्धता होती है और विचारों की शुद्धता से आपका व्यवहार निर्मल होता है जिसके कारण ही मानव भक्ति की प्रथम सोपान प्रेम का अधिकारी बन सकता है।
मृत व्यक्ति को आप शमशान में जलाकर आते हैं और घर जाकर नहाते हैं। वहीं किसी जीव की हत्याकर खुद ही खा जाते हैं। मनुष्य का आचार विचार व्यवहार सकारात्मक है संयमित है सरल है तो ही वह मोक्ष प्राप्ति का अधिकारी है।