सबगुरु न्यूज-सिरोही। जालोर में बनकर तैयार हुआ कांग्रेस का शानदार जिला कार्यालय वहां के कांग्रेस कार्यकर्ताओं के संगठन के प्रति समर्पण को दिखाता है। वहीं सिरोही में नेताओं के द्वारा खुदको संगठन से बडा बनाने के चक्कर में साढे तीन दशक पहले आवंटित जमीन पर जिला कार्यालय खडा नहीं हो पाया। परिणामस्वरूप संगठन का कद नेताओं के कद से छोटा बना दिया गया। यहां जमीन आवंटन के बाद प्रदेश में तीन बार अशोक गहलोत की सरकार रही। सिरोही विधानसभा में पडने वाले सिरोही जिला मुख्यालय पर रामलाल सोलंकी समेत 3 बार कांग्रेस का विधायक, दो बार कांगेस का बोर्ड, जिला प्रमुख रहने के बाद भी यहां पर कांग्रेस का कार्यालय खडा नहीं हो पाया। अशोक गहलोत की पिछली सरकार में जिले में एकमात्र शिवगंज शहर ब्लॉक का कार्यालय बन पाया, लेकिन इस दौरान सिरोही में कांग्रेस का बोर्ड रहने के बावजूद कांग्रेस का कार्यालय नहीं बनवा पाए।
-दो गुट सक्रिय
जिले में पिछले तीन दशकों से कांग्रेस के दो प्रमुख गुट सक्रिय हैं। सिरोही और शिवगंज में संयम लोढा गुट और रेवदर आबूरोड में नीरज डांगी गुट। दोनों ही गुट के नेता प्रदेश में तीन बार मुख्यमंत्री रहे अशोक गहलोत के करीबियों में शामिल रहे। पिण्डवाडा-आबू विधानसभा इन दोनों गुटों की खालसा जमीन रही, लेकिन इस विधानसभा में पडने वाली सबसे रईस नगर पालिका में रानीवाडा विधायक रतन देवासी अपना दबदबा बनाए हुए रखे हैं। लेकिन, इसके बावजूद कांग्रेस आवंटित जमीन पर कार्यालय नहीं बनवा पाई। पिछले पांच सालों से सचिन पायलट के करीबियों का एक अलग गुट सक्रिय है, लेकिन अशोक गहलोत सरकार में इनके समर्थकों को हाशिए पर डाल दिया गया था।
-2003 में हुई थी कोशिश
सिरोही नगर परिषद सूत्रों की मानें तो सिरोही जिला मुख्यालय पर देवीसहाय गोपालिया के समय पर कांगेस के कार्यालय के जमीन आवंटित कर दी गई थी। इसकी कब्जा सुपुर्दगी का काम भी हो गया था। सूत्रों के अनुसार जब 2003 में अशोक गहलोत की सरकार जाने से ठीक पहले पाली के विधायक भीमसिंह भाटी के नेतृत्व में जिला कार्यालय बनवाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इसी दौरान पाली और जालोर का कार्यालय बना था। जालोर का कार्यालय जर्जर होने के बाद नव नियुक्त जिलाध्यक्ष भंवरलाल मेघवाल की पहल पर इसका पुनर्निर्माण करवाकर इसी हफ्ते लोकार्पण किया गया है। उस समय पाली के पुराने बस स्टैण्ड के पास कांग्रेस का कार्यालय बना था। पार्टी सूत्रों की मानें तो पाली के कार्यालय में दो चार बार विवाद हो गया, इसका उदाहरण देते हुए अपनी राजनीतिक जमीन बचाने के लिए स्थानीय नेताओं ने हस्तक्षेप करके सिरोही में कांग्रेस का कार्यालय नहीं बनने दिया।
-1984 में हुई थी भूमि आवंटित
सिरोही में जिला कांग्रेस का कार्यालय बनाने के लिए 1984 में देवीसहाय गोपालिया के विधायक काल में भूमि आवंटित कर दी गई थी। पार्टी सूत्रों की मानें तो नगर परिषद के पास 60 गुणा 40 को 2400 वर्गफुट की भूमि आवंटित कर दी थी। इसके लिए करीब साढे आठ हजार रुपये की लीज राशि भरकर कब्जा सुपुर्दगी पत्र भी ले लिया गया था। लेकिन, 40 साल बाद तक यहां पर कार्यालय नहीं बन पाया।
2003 के बाद 2008 में भी कांग्रेस कार्यालय बनाने के लिए कांग्रेस नेता सक्रिय हुए थे। लेकिन, सिरोही जिला मुख्यालय पर कांग्रेस कार्यालय बनने से जिले भर के कार्यकर्ताओं का यहां पर बैठकी होने से सिरोही में नई चुनौति खडी होने की आशंका से कांग्रेस के मठाधीशों ने यहां कार्यालय भवन बनने नही दिया। ये बात अलग है कि शिवगंज नगर के कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अशोक गहलोत के इस कार्यकाल में ब्लॉक कांग्रेस का कार्यालय बना लिया। लेकिन, कांग्रेस के जिले भर के प्रभावशाली गुट जिला कांग्रेस का कार्यालय नहीं बना पाए। वैसे हाल ही में 2 अप्रेल को जयपुर के इंदिरा गांधी भवन में हुई देशभर के जिलाध्यक्षों की बैठक में कांग्रेस संपत्ति समिति ने सभी जिलों में जिला कांग्रेस का कार्यालय बनाने पर जोर दिया। जिससे कांग्रेस की विचारधारा को जमीन मिल सके।