बंगाल के राज्यपाल आनंद बोस ने हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद का किया दौरा

कोलकाता। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने शनिवार को मुर्शिदाबाद के शमशेरगंज में पिछले सप्ताह वक्फ संशोधन अधिनियम के विरोध में प्रदर्शन के दौरान पीट-पीटकर मारे गए हरगोबिंद दास (71) और उनके बेटे चंदन दास (41) के परिजनों से मुलाकात की।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के दंगा प्रभावित इलाके का दौरा नहीं करने के अनुराेध के बावजूद, राज्यपाल वहां गए और पीड़ितों से मिले। बोस ने पीड़ितों के क्षतिग्रस्त घर से बाहर आने के बाद मीडिया से कहा कि मैंने प्रभावित परिवार के सदस्यों से बात की और उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी शिकायतों पर विचार किया गया है। इसके अलावा, राज्य और केंद्र सरकार के समक्ष उनकी शिकायतें रखने का भरोसा दिया। बोस ने बताया कि उन्होंने अपना और राजभवन का संपर्क नंबर भी दिया। प्रभावित क्षेत्रों के निवासियों की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।

बोस ने कहा कि मैं चाहता हूं कि पहले शांति बहाल हो और लोगों की सुरक्षा हो। वक्फ विरोध प्रदर्शन में हिंसा के बाद सैकड़ों लोग, खासकर महिलाएं, मुर्शिदाबाद के धुलियान, सुती और शमशेरगंज से घर छोड़कर सीमा सुरक्षा बल ( बीएसएफ) की मदद से गंगा पार कर मालदा पहुंचीं। राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष विजया राहतकर के नेतृत्व में चार सदस्यीय टीम ने भी शनिवार को मुर्शिदाबाद पहुंचकर प्रभावित परिवारों से मुलाकात की।

एनसीडब्ल्यू की सदस्य अर्चना मजूमदार ने हालात को अमानवीय और बेहद गंभीर बताया। उन्होंने कहा कि मामला केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के संज्ञान में है और आयोग इसे मानवाधिकार आयोग के सामने भी उठाएगा। उन्होंने कहा कि महिलाओं ने धुलियान जैसे क्षेत्रों में स्थायी बीएसएफ कैंप की मांग की है, क्योंकि हिंसा और लूटपाट के बाद वे असुरक्षित महसूस कर रही हैं।

आयोग के सदस्य धुलियान के बाद बेदबोना पहुंचे, जहां पीड़ित लोगों ने दुख जताया। एक महिला ज्योति दास ने स्थायी बीएसएफ कैंप की मांग की। इस बीच, भारतीय जनता पार्टी नेता प्रियंका टिबरेवाल ने कलकत्ता उच्च न्यायालय की अनुमति के बाद मालदा के राहत शिविरों में विस्थापित लोगों से मुलाकात की। वह स्थिति की रिपोर्ट राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को सौंपेंगी।