अलवर। राजस्थान में अलवर के सदर थाना अंतर्गत गांव लोहरवाड़ी में एक विवाहिता द्वारा विषाक्त वस्तु का सेवन कर आत्महत्या करने का मामला सामने आया है।
पुलिस के अनुसार मालाखेड़ा थाना क्षेत्र के खारेड़ा गांव निवासी जुहरु खान की पुत्री सायरा (22) का निकाह 4 साल पहले वर्ष 2021 में लोहरवाड़ी गांव निवासी अदरूद्दीन के साथ हुआ था जिससे सायरा को दो बच्चे भी है। एक दिन पहले मामा ससुर के गांव बुटोली में शायरा अपने पति अजहरुद्दीन के साथ गई थी, वहां से वापस लौटने के बाद पति पत्नी कमरे में थे, उसी समय बच्चों के रोने की आवाज आई जिस पर सायरा नीचे आ गई।
कुछ देर बाद उसने जहर का सेवन कर लिया जिसको लेकर पति ने भी कारणों को लेकर अनभिज्ञता जाहिर की है। उसे गंभीर हालत में सरकारी अस्पताल भेज दिया गया जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इधर, मृतका के पिता जुहरू खान ने कहा कि ससुराल पक्ष की तरफ से फोन से सूचना दी गई थी कि उसने जहर का सेवन कर लिया और उसकी मौत हो गई है वहीं पीहर पक्ष को भी किसी तरह का शक नहीं है वहीं सदर थाना पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है।
आवारा कुत्तों ने हमला कर किशोरी को किया घायल
अलवर जिले के बगड़ तिराहा थाना क्षेत्र के मीणापुरा गांव में छह से अधिक कुत्तों ने छठी कक्षा में पढ़ने वाली 13 वर्षीय किशोरी पर हमला कर दिया जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई। हमले में गंभीर रूप से घायल हुयी बालिका पायल को उपचार के लिए अलवर के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
बालिका के पिता मनोहरलाल के अनुसार पायल सोमवार को जब ट्यूशन से पैदल घर लौट रही थी तभी कुत्तों ने हमला कर दिया। बच्ची की चीख-पुकार सुनकर खेत में काम कर रहे माता-पिता और ग्रामीण दौड़ पड़े तब तक कुत्तों ने पायल को गंभीर रूप से घायल कर दिया था।
करीब एक से डेढ़ मिनिट तक कुत्ते बेटी को नोंचते रहे, लगभग शरीर का ऐसा कोई भाग नही है जिस पर कुत्ते के काटने का निशान नही हो। हमले में पायल का एक कान पूरी तरह से कुत्ते खा गए जबकि दूसरा आधा चबा डाला। उसके पूरे शरीर पर करीब 50 से अधिक जगह काटने के निशान हैं और चिकित्सको ने उसे 70 से अधिक टांके लगाए हैं।
डॉ विवेक सैनी ने बताया कि यह अब तक का सबसे भयावह डॉग बाइट मामला है, खासकर किशोर अवस्था की बालिका के लिए उसके चेहरे, पीठ, कुल्हे और जांघों पर गंभीर चोट हैं। चिकित्सको के अनुसार पायल को पूरी तरह स्वस्थ होने में लगभग छह महीने का समय लग सकता है। यह घटना लोगों के लिए एक बड़ा सबक है कि आवारा कुत्तों पर नियंत्रण बेहद जरूरी है लेकिन नगर निगम कुत्तों को पकड़ने में असफल है।