आबूरोड। राजस्थान से गुजरात को जाने वाला सिरोही जिले के आबूरोड पंचायत समिति का ग्रामीण सड़क मार्ग उपलाखेजड़ा-दानबोर के बीच मात्र 200 मीटर का ढलान और उसकी खस्ता हालत वाहनों और उनमें सवार यात्रियों के लिए किसी बड़ी दुर्घटना की दावत के समान साबित हो रहा है।
उपलाखेजड़ा-दानबोर सड़क मार्ग के बीच गोला भामटा का ढलान मात्र 200 मीटर का है।सर्पिलाकार चढ़ाई में वाहनों के धूएं छूट जाते हैं। लेकिन उससे भी ज्यादा खतरा 200 मीटर मार्ग के बीच डामर परत उखड़ती रहने से गहराई के खड्डों में टायर गतिहीन होकर जाम हो जाने का है। इन खड्डों के कारण ट्रक बेदम होते ही असंतुलित होकर दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं।
चढ़ाई के ढलान के इस मार्ग की दोनों सड़क पटरियो के गहरी खाई का रूप ले लेने से वाहन चालकों को इधर कुआं इधर खाई के बीच खतरा उठाते हुए वाहनों को पार करने की जुगत लगानी पडती है।
ढलान मार्ग के ऊपर बड़े चट्टानी पत्थर गिरे हुए 15 साल से अधिक का समय बीत गया। इस अवधि में एक के बाद एक आने वाली सरकारों ने ग्रामीण सड़क सुधार, मरम्मत, सुधारीकरण और सुरक्षा के दावे जरूर किए परंतु इस ग्रामीण सड़क के मात्र 200 मीटर लंबाई की दुर्दशा पर किसी का ध्यान ही नहीं गया।
मुसाफिर करने लगते हैं सड़क की तुलना
उपलाखेजड़ा-गोला भामटा-दानबोर सड़क से 1 किलोमीटर दूर गुजरात राज्य की पौसीना सड़क मार्ग की सड़क सीमा शुरू हो जाती हैं। गुजरात से आने वाले मुसाफिर जब इस गोला भामटा राजस्थान ग्रामीण सड़क के ढलान पर आकर सड़क की दुर्दशा को देखते हैं तो गुजरात राज्य की मजबूत सड़क सुविधाओं की तुलना कर आलोचना करते हैं।