आबूरोड। गुटखा, तंबाकू, बीड़ी, शराब के सेवन की बढ़ती प्रवृत्ति के शिकंजे में बचपन किशोर और युवाओं की लत आदतन देखी जाती है। नशे की इस प्रवृत्ति से अपने गांव में बचाव के लिए आबूरोड के बहादुरपुरा ग्राम पंचायत के महीखेड़ा गांव में एक शिक्षित युवाओं ने बैठक का आयोजन किया। जिसमें उपस्थित युवाओं ने शुरुआत में परिवार के सदस्य किस प्रकार इस बुरी लत की और परिवारजन प्रवृत्त होते हैं उस बारे में अपने अनुभव व्यक्त किए।
युवा जोलाराम, हरिराम, और अनिल कुमार पिसरा ने बैठक में नशा मुक्ति की पहल का संदेश देते हुए अपने अपने विचार रखे कि परिवार में एक व्यक्ति के नशे की आदत शेष परिवार जनों को बुरी लत से प्रभावित कर देती है। धीरे-धीरे नशे करने वाले व्यक्ति के संपर्क में रहते हुए बिना नशा करने वाला व्यक्ति भी धीरे-धीरे नशे की आदत का शिकार होने लग जाता है। इसी प्रकार एक बचपन का विद्यार्थी भी नशे करने वाले मित्र के साथ रहकर स्वयं आदि होने लग जाता है।
नशे से दूर रहने के उपाय बताते हुए युवाओं ने बताया कि विद्यार्थी जीवन में विद्यार्थी नशे करने वाले विद्यार्थियों से दूरी बनाए रखें तथा परिवार में नशे के आदि व्यक्ति बच्चों से दूरी बनाए रखें ताकि शेष भविष्य शिकंजे से बच पाए।
नशा नाश की जड़ है, बर्बादी का खुला आमंत्रण है। नशा करने के आधे व्यक्ति का मानसिक संतुलन बिगड़ जाता है वर्तमान में देखा जाता है कि नशा करने के बाद वह अपराध की ओर बढ़ जाता है ऐसे में हत्या, आत्महत्या, अन्य अवांछित गतिविधियों, दुर्घटनाओं की घटनाएं होती है।
नशा मुक्ति पहल और संदेश को लेकर महीखेड़ा गांव में आयोजित बैठक में रविवार को जोलाराम चोटिला, पप्पू राम फॉरेस्ट चोटिला, नंदू कुमार चनार, सोमीराराम, किशन लाल, अनिलकुमार, केसराराम, भेरूलाल, बाबूराम, महीखेड़ा हरिराम, देवाराम, प्रेमाराम, बहादुरपुरा पूनाराम गेमाराम दत्तानी समेत ग्रामीण व युवा नशा मुक्ति बैठक में सम्मिलित रहे।