कोटा संभागीय आयुक्त के जयपुर, कोटा और दौसा ठिकानों पर एसीबी का छापा

कोटा/जयपुर/दौसा। राजस्थान में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने कोटा संभागीय आयुक्त राजेन्द्र विजय के विरूद्ध दर्ज आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने के प्रकरण में उनके 4 विभिन्न ठिकानों पर बुधवार सुबह छापा मारकर तलाशी अभियान चलाया जिसमें नगदी, सोने-चांदी के आभूषण एवं करोड़ों रुपए कीमत की चल-अचल परिसम्पत्तियां अर्जित करने के दस्तावेज बरामद किए हैं।

ब्यूरो के महानिदेशक डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि ब्यूरो मुख्यालय को सूचना मिली थी कि राजेन्द्र विजय द्वारा भ्रष्टाचार के साधनों द्वारा अपने एवं अपने परिजनों के नाम से अपनी वैध आय से आनुपातिक रूप से अधिक चल-अचल सम्पत्तियाँ अर्जित की गई है जिनकी अनुमानित बाजार कीमत करोड़ों रुपए से अधिक है।

मेहरड़ा ने बताया कि इसका सत्यापन किया गया एवं तथ्यों की पुष्टि होने पर आय से अधिक सम्पत्तियां अर्जित का मामला बनना पाए जाने पर प्रकरण दर्ज किया गया।

एसीबी जयपुर के उप महानिरीक्षक पुलिस कालूराम रावत के सुपरवीजन में एसीबी की स्पेशल यूनिट प्रथम जयपुर इकाई के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पुष्पेन्द्र सिंह राठौड़, अनुसंधान अधिकारी के नेतृत्व में सक्षम न्यायालय से तलाशी वारंट प्राप्त करके ब्यूरो की विभिन्न टीमों ने एक साथ सुबह आरोपी के जयपुर, कोटा एवं दौसा स्थित चार विभिन्न ठिकानों पर तलाशी की कार्रवाई की गई।

उन्होंने बताया कि आरोपी के जयपुर स्थित आवास की तलाशी में 13 आवासीय एवं व्यावसायिक भूखण्डों के दस्तावेज (जिनमें टोंक रोड़ पर आलीशान मकान एवं जुडियो व्यावसायिक शोरूम नंबर सात ग्राउण्ड फ्लोर, जीटी गलेरिया, ब्लॉक-बी, अशोक मार्ग सी-स्कीम, जयपुर प्रमुख हैं), दो लाख 22 हजार से अधिक की नगदी, 335 ग्राम सोने के आभूषण, 11 किलो 800 ग्राम चांदी के आभूषण एवं तीन चार पहिया वाहन मिले हैं। इसके अतिरिक्त अनेक बीमा पॉलिसियों में निवेश, एक बैंक लॉकर (जिसकी तलाशी ली जानी है) एवं 16 अलग-अलग बैंक खाते जिनमें लाखों रुपए जमा हैं, भी मिले हैं।

उन्होंने बताया कि ब्यूरो के प्राथमिक आकलन, प्रथम सूचना रिपोर्ट एवं अब तक तलाशी में मिले दस्तावेजों के अनुसार आरोपी राजेन्द्र विजय द्वारा अपने सेवाकाल में भ्रष्टाचार के साधनों द्वारा करोड़ों रुपए कीमत की अनेक चल-अचल परिसम्पत्तियां अर्जित करने का अनुमान है, जो उनकी वैध आय से आनुपातिक रूप से कहीं अधिक है।

इसके अतिरिक्त आरोपी एवं उसके परिजनों द्वारा कई बेनामी परिसम्पत्तियों में निवेश के साक्ष्य मिले हैं, जिनकी विस्तृत जांच की जाएगी। एसीबी की अतिरिक्त महानिदेशक स्मिता श्रीवास्तव के निर्देशन में एसीबी की विभिन्न टीमों द्वारा आरोपी के ठिकानों पर तलाशी अभियान जारी है।

7 दिन पहले ही कोटा में पदभार संभाला

एसीबी के शिकंजे में फंसे कोटा संभागीय आयुक्त राजेंद्र विजय ने सात दिन पहले ही कोटा के में डिविजनल कमिश्नर का पदभार ग्रहण किया था। कोटा में उन्हें सिविल लाइंस का बंगला नंबर KR-4 अलॉट हो चुका है लेकिन वे सरकारी आवास में शिफ्ट नहीं हुए थे। वर्तमान में सर्किट हाउस में ठहरे हैं। राजेन्द्र विजय प्रमोटी आईएएस हैं। वे मूल रूप से दौसा जिले के दुब्बी गांव के निवासी हैं। कोटा के सर्किट हाउस पर भी एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मुकुल शर्मा टीम के साथ पहुंचे। विजय को सुबह 8 बजे गांधी जयंती के अवसर पर चंबल गार्डन में पुष्पांजलि कार्यक्रम में जाना था। उसके लिए उन्होंने जिले के एक प्रशासनिक अधिकारी को सुबह 7 बजकर 45 मिनट पर बुलाया था, लेकिन बाद में सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए गए। उन्होंने किसी से भी मिलने से इनकार कर दिया।