चेन्नई। बढ़ती खींचतान और दरार के बीच तमिलनाडु में मुख्य विपक्षी अन्नाद्रमुक ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी से अपना नाता तोड़ लिया और भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से बाहर भी हो गई।
अन्नाद्रमुक की एक आपातकालीन बैठक में एक सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित कर इस आशय का निर्णय लिया गया। बैठक में पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी, मुख्यालय सचिव, सांसद और विधायक मौजूद थे। इस बैठक की अध्यक्षता अन्नाद्रमुक महासचिव और राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता एडप्पादी के.पलानीस्वामी ने की।
प्रस्ताव में कहा गया है कि भाजपा का राज्य नेतृत्व (के अन्नामलाई के नेतृत्व में) पिछले एक साल से द्रविड़ दिग्गज सीएन अन्नादुरई और अन्नाद्रमुक नेताओं एमजीआर एवं जे जयललिता के खिलाफ अपमानजनक बयान दे रहा है तथा अन्नाद्रमुक की नीतियों की आलोचना कर रहा है।
इसके अलावा, भाजपा राज्य नेतृत्व ने 20 अगस्त को मदुरै में अन्नाद्रमुक की ओर से आयोजित महासम्मेलन को कमतर आंकने की बात कही थी और पलानीस्वामी, जो विपक्ष के नेता हैं और दो करोड़ अन्नाद्रमुक कार्यकर्ताओं का मार्गदर्शन कर रहे हैं, की भी आलोचनात्मक टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा कि इससे अन्नाद्रमुक पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं में गहरी नाराजगी है।
प्रस्ताव में कहा गया कि दो करोड़ पार्टी कार्यकर्ताओं की इच्छाओं के सम्मान में अन्नाद्रमुक मुख्यालय के सचिवों, जिला सचिवों, वरिष्ठ पदाधिकारियों, सांसदों और विधायकों की बैठक में, जो पलानीस्वामी की अध्यक्षता में हुई, बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि अन्नाद्रमुक ने भाजपा से संबंध तोड़ने और राजग से बाहर निकलने का फैसला किया है तथा यह आज (25 सितंबर, 2023) से ही लागू होगा।
प्रस्ताव पारित होने के तुरंत बाद, अन्नाद्रमुक के बड़ी संख्या में कार्यकर्ता पार्टी कार्यालय में जमा हो गए और उन्होंने पटाखे फोड़कर तथा मिठाइयां बांटकर इसका जश्न मनाया। अन्नाद्रमुक सूत्रों ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री पलानीस्वामी ने बैठक में तीन बार दोहराया कि भाजपा के साथ कोई गठबंधन नहीं है और अन्नाद्रमुक ने राजग गठबंधन छोड़ने का फैसला किया है।
इस बीच, बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए पूर्व मंत्री और वरिष्ठ नेताओं में से एक वैगैसेल्वन ने कहा कि राजग छोड़ने का निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया है और यह पार्टी के दो करोड़ कार्यकर्ताओं के विचारों तथा भावनाओं को दर्शाता है। एक अन्य वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री केपी मुनुस्वामी ने मीडिया के सामने प्रस्ताव पढ़ा और कहा कि पलानीस्वामी के नेतृत्व वाला अन्नाद्रमुक नीत मोर्चा अन्य सहयोगियों के साथ 2024 के लोकसभा चुनावों का सामना करेगा।
अन्नाद्रमुक के एक अन्य सहयोगी पुथिया तमिझागम नेता डॉ. के कृष्णासामी ने कहा कि भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित भाजपा के शीर्ष राष्ट्रीय नेताओं को तमिलनाडु का दौरा करना चाहिए, इस मुद्दे को सुलझाने के लिए अन्नाद्रमुक के साथ बातचीत करनी चाहिए ताकि गठबंधन जारी रहे।
अन्नाद्रमुक के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा के राज्य प्रमुख के अन्नामलाई ने कहा कि भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व उचित समय पर इसका जवाब देगा। कोयंबटूर में मीडिया के साथ एक संक्षिप्त बातचीत में उन्होंने कहा कि वह पदयात्रा पर हैं और वह इस बारे में विस्तार से बात नहीं कर सकते।
उन्होंने कहा कि उन्होंने अन्नाद्रमुक का बयान और उसके द्वारा अपनाए गए प्रस्ताव को देखा है। उन्होंने कहा कि मैं इस बारे में अभी विस्तार से बात नहीं कर सकता क्योंकि मैं कोयंबटूर में पदयात्रा पर हूं। भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व उचित समय पर इस बारे में बात करेगा। अन्नामलाई ने कहा कि हम (भाजपा तमिलनाडु इकाई) भविष्य में मीडिया से भी इस बारे में बात करेंगे।
समर्थन के लिए मीडिया को धन्यवाद देते हुए उन्होंने दोहराया कि एक राष्ट्रीय पार्टी होने के नाते, भाजपा नेतृत्व इस बारे में (भाजपा के साथ संबंध तोड़ने और राजग छोड़ने के अन्नाद्रमुक के फैसले पर) बात करेगा।