अजमेर। राजस्थान में अजमेर स्थित ऐतिहासिक ‘शीशा खान गुफा’ पर शोध के साथ इसे पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की मांग की गई है।
अजयमेरू कोस सेवा परियोजना समिति के संयोजक तरूण वर्मा ने अपने सदस्य कार्यकर्ताओं के साथ रविवार को ऐतिहासिक धरोहर स्थल अजयमेरु शीशा खान गुफा का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि निरीक्षण करने पर पाया कि यह जर्जर और कचरे से पटी पड़ी है।
वर्मा ने बताया कि यह शुद्ध पानी के जल स्रोतों से भी सम्बंधित है। तारागढ़ दुर्ग की सात बावड़ियों से पानी आने पर यह नीचे कातन झालरा और डिग्गी के तालाब तक पानी पहुंचाने में सहायक सिद्ध होती है। इसके रास्ते दिल्ली और आबू रोड तक जाते हैं। यह अतिप्राचीन नाग जातियों द्वारा बनाई गई गुफाएं होने का संकेत देती हैं।
उन्होंने अजमेर प्रशासन से इस पर शोध कार्य कराये जाने और पर्यटन स्थल के रूप में विकसित कर इसको धरोहर संरक्षण की श्रेणी में सूचीबद्ध करने की मांग की है। उन्होंने बताया यह स्थान ढाई दिन के झौपड़े-तारागढ़ दुर्ग के समान ही शीशा खान की गुफा भी ऐतिहासिक एवं महत्वपूर्ण है जिसको सरकार का संरक्षण मिलना चाहिए।