बिजयनगर कांड को लेकर अजमेर बंद, जुलूस में उमड़ा जनसैलाब

अजमेर। ब्यावर जिले के बिजयनगर कस्बे में हिन्दू समाज की नाबालिग स्कूली छात्राओं के यौन शोषण, जबरन धर्मांतरण के प्रयास एवं ब्लैकमेल कर मोबाइल से अन्य बालिकाओं को फंसाकर उनके साथ भी जघन्य कांड कारित करने वाले आरोपियों के खिलाफ उपजे गुस्से का मंजर शनिवार को अजमेर में भी देखने को मिला। सकल हिन्दू समाज की ओर से इस घटना की भर्तसना करते हुए निकाले गए जुलूस में जनसैलाब उमड पडा। गांधी भवन चौराहे से जुलूस कलेक्ट्रेट पहुंचा तथा मुख्यमंत्री के नाम कलक्टर को ज्ञापन सौंपा गया। कलेक्ट्रेट के बाहर हनुमान चालिसा के पाठ का आयोजन भी किया गया।

अजमेर बंद की व्यापक सफलता के बीच सुबह 11 बजे से शहर के बीचोंबीच मदारगेट चौराहे पर स्थित गांधी भवन के सामने विभिन्न हिन्दूवादी संगठनों, संस्थाओं के पदाधिकारी तथा आमजन सैकडों की संख्या में जमा हो गए। इसके बाद जुलूस के रूप में रवाना हुए। कचहरी रोड, इंडिया मोटर्स चौराहा, बस स्टेंड होते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे। मार्ग में जमकर नारेबाजी होती रही। जुलूस में महिलाएं भी शामिल रहीं।

कलक्टर लोकबंधु को सौंपे गए ज्ञापन में बताया गया कि बिजयनगर में हुए इस जघन्य कांड में 20-25 से भी अधिक युवकों का गिरोह शामिल है। अपराध की प्रवृति से लगता है कि यह कांड संगठित एवं पूर्व नियोजित तरीके से किया गया है।

आरोपी युवक छात्राओं के साथ शहर के कैफे में बने केबिन में न केवल देहशोषण करते, बल्कि ब्लैकमेल कर धर्मांतरण का दबाव भी बनाते थे। धार्मिक क्रिया कलाप नहीं करने पर पीडिताओं की कलाई काटने तक की यातनाएं दी गई। इस ब्लैकमेल कांड में यह भी सामने आया है कि समुदाय विशेष के युवकों ने लव जिहाद के नाम पर गिरोह बनाते हुए स्कूली छात्राओं को साजिश का शिकार बनाया। उन्हें पहले चाइनीज मोबाइल का प्रलोभन देकर प्रेमजाल में फांसा, फिर शारीरिक संबंध बनाने का दबाव बनाते हुए ब्लैकमेल कर मानसिक प्रताडना दी। धार्मिक क्रिया कलाप से इनकार करने पर परिजनों को जान से मारने की धमकी भी दी।

उपरोक्त घटनाओं से साफ दिख रहा है कि कहीं यह अजमेर ब्लैकमेल कांड पार्ट 2 तो नहीं है। इसलिए इन क्रूर अपराधियों के खिलाफ सकल हिन्दू समाज में आक्रोश है। ज्ञापन में सकल हिन्दू समाज की ओर से इस कांड की जांच सीबीआई से कराए जाने, कोर्ट में पैरवी के लिए स्पेशल पीपी नियुक्त करने, ऐसे कृत्यों में लिप्त जिहादियों को फांसी देने, बालिका सुरक्षा के लिए कठोर कानून बनाने, दोषी अपराधियों के घर और अवैध कब्जे ध्वस्त करने, स्कूल कालेजों के बाहर पुलिस की तैनाती करने, कैफे व रेस्टोरेंट की आड में अनैतिक गतिविधियां संचालित करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के साथ अजमेर जिले में चल रहे मदरसों व उनके पंजीकरण की भी जांच कराए जाने की मांग भी उठाई गई।

अजमेर बंद से मुक्त रहने के बाद भी पेट्रोल पंप पर पसरा सन्नाटा।

चौकस रहा पुलिस प्रशासन

एक तरफ अजमेर बंद और दूसरी तरफ ​जुलूस को लेकर कानून व्यवस्था बनाए रखने में समूचा पुलिस अमला जुटा रहा। कलेक्ट्रेट को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया। सत्ताधारी भाजपा के बंद को समर्थन के चलते पुलिस नरम रूख अपनाए रही। आला अधिकारी भी सारे घटनाक्रम पर निकाह रखे हुए थे।