अजमेर। राजस्थान में अजमेर की अपर जिला न्यायालय संख्या पांच ने पुष्कर के गऊघाट पर स्थित मंदिर मदन मोहन को पुजारी को खाली करने के आदेश दिए हैं।
प्रकरण में पैरवी करने वाले अधिवक्ता विनोद माथुर ने बताया कि पुष्कर में पवित्र सरोवर गऊघाट पर श्री मदन मोहन मन्दिर राव समाज का है। आठ फरवरी 1932 में पुजारी मथुरा प्रसाद के साथ समाज की तरफ से अम्बालाल एवं अन्य से समझौता हुआ था कि पुजारी हरिप्रसाद मंदिर की देखभाल करेंगे। बाद में सन् 2000 मथुरा प्रसाद के पुत्र हरि प्रसाद ने
यह मंदिर नगर पालिका में अपने नाम करा लिया और बाद में समाज के लोगों को मंदिर में आने से वंचित किया जाने लगा।
समाज की तरफ से बाद में पुष्कर न्यायालय में दावा किया गया। न्यायालय द्वारा पंडित को मंदिर में समाज के लोगों को नहीं रोकने एवं वांछित गतिविधियां न करने के आदेश दिए गए। पुजारी की इस फैसले के खिलाफ अपील भी खारिज हो गई।
तत्पश्चात राव राजस्थान समाज द्वारा यह मंदिर खाली करने अपील की गई। शनिवार को अजमेर अपर जिला न्यायालय न. 5 द्वारा पुष्कर के गऊघाट पर मंदिर मदन मोहन को पुजारी को खाली करने के आदेश जारी किए गए।